Raksha Bandhan 2022 : जानिए भाई-बहन के इस त्योहार पर होती है किस भगवान की पूजा?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 08, 2022, 10:43 PM IST

Raksha Bandhan 2022 : सावन की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस उत्सव से कई कथाएं और किवदंतियां जुड़ती हैं. इनमें से कुछ कहानियां देवासुर संग्राम से भी जुड़ती है. आइए इन कथाओं के माध्यम से जानते हैं किस देवता की पूजा इस दिन की जाती है. 

डीएनए हिंदी : रक्षा बंधन भाई-बहन के प्रेम का अनूठा त्योहार है पर इस पर्व का महत्व केवल इतना ही नहीं है. इस साल 11 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जाएगा. सावन की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस उत्सव से कई कथाएं और किवदंतियां जुड़ती हैं. इनमें से कुछ कहानियां देवासुर संग्राम से भी जुड़ती है. आइए इन कथाओं के माध्यम से जानते हैं किस देवता की पूजा इस दिन की जाती है. 

देवगुरु बृहस्पति की होती है पूजा 
भविष्य पुराण के मुताबिक़ जब इंद्र ने देवताओं के गुरू बृहस्पति से आसुरी शक्तियों को हराने की बात की तो उन्होंने सावन पूर्णिमा के दिन इंद्र को मन्त्र शक्ति से भरा हुआ रक्षा सूत्र बांधने को कहा. इस दिन इंद्र की पत्नी शचि ने देवगुरु को राखी बांधी. इस कथा के अनुसार इस दिन मन्त्र शक्तियों से अभिमंत्रित रक्षा-सूत्र देव गुरु बृहस्पति को अर्पित किया जाता है और उनकी पूजा होती है. 

भगवान् विष्णु के वामन अवतार की पूजा
कहा जाता है कि असुर सम्राट बलि भगवान् विष्णु के प्रिय भक्त थे. भगवान् के करीब रहने की इच्छा में उन्होंने उनसे दिन-रात अपने सामने रहने की प्रार्थना की. इस वरदान की वजह से विष्णु भगवान् को अपना घर छोड़कर उनके पास रहना पड़ा था. विरह से आहत लक्ष्मी जी ने ब्राम्हण स्त्री का रूप धारण कर राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा था और विष्णु के वापस लौटने के लिए वर मांगा. कहा जाता है कि राजा बलि को हमेशा साथ रहने का वर विष्णु भगवान् ने अपने वामन रूप में दी थी. 

यम और यमुना की पूजा का है दिन Raksha Bandhan 2022 
रक्षा बंधन की कहानियों में एक किस्सा मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमुना का भी है.  कहा जाता है कि यम की बहन यमुना ने अपने भाई को राखी बांधकर अमर होने का वर दिया. यम इस बात से इतने ख़ुश हुए कि उन्होंने घोषणा कर दी कि इस दिन जो भी भाई राखी बांधे जाने पर अपनी बहन को रक्षा का वरदान देगा वह अमर हो जाएगा. 

 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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