Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) में एक तकनीकी खामी सामने आई है जिसको लेकर गर्भगृह के पुजारी परेशान हैं. दरअसल, मंदिर में यह खामी गर्भगृह में जल निकासी की व्यवस्था को लेकर है. इंजीनियर जल निकासी का प्रबंध करने में लगे हुए हैं. हालांकि, ट्रस्ट ने कहा है कि गर्भगृह से निकलने वाले जल को चरणामृत मानकर सरंक्षित किया जा रहा है.
बता दें कि, राम मंदिर में रोजाना सुबह रामलला का अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है. प्रतिदिन सरयू नदी के जल, दूध, दही, घी और शहद आदि से रामलला को स्नान कराया जाता है. रामलला के अभिषेक के बाद जब यह जल सतह पर गिरता है तो इसके बाहर निकलने की उचित व्यवस्था नहीं है. इसको लेकर पुजारी परेशान हैं.
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ऐसी व्यवस्था कर रहे पुजारी
राम मंदिर को बनाने वाले इंजीनियर इस तकनीकी कमी का निदान खोजने में लगे हैं. वहीं, मंदिर के पुजारी इस समस्या का प्रबंध करने के लिए रामलला के अभिषेक से पहले जमीन पर थाली रख देते हैं. जिससे जल जमीन पर फैलने की जगह थाली में इक्कठा हो जाता है. आस-पास फैले जल को कपड़े से साफ कर दिया जाता है.
गर्भगृह में तोड़फोड़ समाधान नहीं
जल निकासी की व्यवस्था को सही करने के लिए गर्भगृह में तोड़फोड़ करना एक उपाय है लेकिन ऐसा करना सही नहीं है. ऐसा करने से गर्भगृह की सुंदरता बिगड़ जाएगी. मंदिर का निर्माण पत्थरों से हुआ है. मंदिर एक पत्थर के ऊपर दूसरे पत्थर को रखकर बनाया गया है. ऐसे में इनके साथ छेड़छाड़ करना संभव नहीं है.
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने कमी को नकारा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने इस तकनीकी कमी को नकारा है. उनका कहना है कि भगवान राम के अभिषेक का जल पानी नहीं है. वह चरणामृत है ऐसे में इसका सरंक्षण करना चाहिए. ट्रस्ट इसे जल नहीं मानता है.
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