Rama Ekadashi 2024 Date: अक्टूबर में कब है रमा एकादशी? नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Written By Abhay Sharma | Updated: Oct 22, 2024, 06:40 AM IST

Rama Ekadashi Kab Hai

October Last Ekadashi Date: यहां जानें अक्टूबर महीने की आखिरी एकादशी व्रत कब रखा जाएगा, कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?

हिंदू धर्म की सभी तिथियों और व्रतों में एकादशी (Ekadashi) का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है और यह शुभ तिथि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में एक एक एकादशी (Ekadashi Vrat) यानी महीने में 2 और पूरे साल मे 24 एकादशी पड़ती है. हर एकादशी का अपना एक (Rama Ekadashi) अलग महत्व होता है. ऐसे में आइए जानते हैं अक्टूबर महीने की आखिरी एकादशी व्रत कब (October Last Ekadashi) रखा जाएगा, कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है?
 
रमा एकादशी तिथि (Rama Ekadashi Date or Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर, रविवार को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस बार रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर, सोमवार को रखा जाएगा.  

बता दें कि इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 18 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 तक है. यानी इस दिन आपको पूजा के लिए 1 घंटे 23 मिनट का समय मिलेगा, जिसमें आप भगवान विष्णु जी की पूजा कर सकते हैं. 

रमा एकादशी का महत्व (Rama Ekadashi Importance)
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाया जाता है और इस बार रमा एकादशी की यह शुभ तिथि 28 अक्टूबर को पड़ रही है. मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.  

रमा एकादशी पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े धारण करें और फिर घर के मंदिर की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें. फिर  एक चोकी में लाल कपड़ा बिछाकर श्री हरि की प्रतिमा को स्थापित करें और फिर भगवान विष्णु को अक्षत, पीले फूल, धूप, दीप, हल्दी, तुलसी के पत्ते, पंचामृत चढ़ाएं. इसके बाद बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. फिर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और घी का दीपक जलाएं और आखिर में आरती कर भगवान से सुखमय जीवन की प्रार्थना करें. 

पूजा मंत्र- ऊँ भगवते वासुदेवाय नम: 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)  

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.