डीएनए हिंदी: इस्लाम धर्म के पाक पवित्र रमजान महीने (Ramadan 2023) की शुरुआत 24 मार्च 2023 को हो चुकी हैं. रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम लोग रोजे रखते हैं और भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करते हैं. मुस्लिम धर्म में जुमे के दिन का विशेष महत्व (Jumma Significance) होता है इस दिन को नमाज (Jumma Namaz) के लिए और भी ज्यादा खास माना जाता है. रमजान (Ramadan 2023) में पड़ने वाले जुमे का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. आज रमजान का तीसरा जुमा (Ramadan Third Jumma 2023) है. रमजान की शुरुआत क बाद पहला जुमा 25 मार्च, दूसरा जुमा 31 मार्च को था. आज 7 अप्रैल को रोजेदार तीसरे जुमे की नमाज (Jumma Namaz) अदा करेंगे. इस्लाम में जुमे की नमाज के महत्व और नियमों के बारे में जानते हैं.
जुमा नमाज का महत्व (Jumma Namaz Significance)
इस्लाम धर्म में रोज पांच टाइम की नमाज अदा की जाती है. नमाज अदा करना इस्लाम के मूल सिंद्धात में भी शामिल है. हालांकि जुमे के दिन की नमाज का बाकि दिनों से बहुत ही अधिक महत्व होता है. जुमे का दिन इस्लाम में बहुत ही खास माना जाता है यहीं वजह है कि इस दिन नमाज अदा करने का महत्व भी बढ़ जाता है. हदीस शरीफ में बताया गया है कि जुमे के दिन ही हजरत आदम अलैहिस्सलम को जन्नत से दुनिया में भेजा गया था और जुमे को ही उन्होंने जन्नत में वापसी की थी. जुमे की नमाज अदा करने से पिछले हफ्ते के पापों से मुक्ति मिलती है. एक जुमे की नमाज अदा करने से 40 नमाज अदा करना का सवाब मिलता है.
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जुमे की नमाज पढ़ने के नियम (Rules For Jumma Namaz)
- नमाज अदा करने से पहले व्यक्ति का पाक-पवित्र होना बहुत ही जरूरी होता है. ऐसे में व्यक्ति को जुमे की नमाज से पहले स्नान करना चाहिए. शरीर को पाक करके ही नमाज अदा और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए.
- जुमे की नमाज अदा करने के लिए सभी मुस्लिमों को टोपी जरूर लगानी चाहिए. नमाज अदा करने से पहले इत्र भी लगाना चाहिए.
- जुमे के दिन नमाद अदा करने से पहले सिवाक यानी दांतों की सफाई करना भी बहुत जरूरी होता है. नमाज अदा करने से पहले स्नान के साथ-साथ सिवाक भी करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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