Ratna Shastra: नौकरी-व्यापार में तरक्की के लिए धारण करें ये रत्न, किस्मत चमकते नहीं लगेगी देर

Written By Aman Maheshwari | Updated: Apr 21, 2023, 02:57 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Ratna Shastra: रत्न शास्त्र में ग्रहों की दशा और जातक की परेशानियों के हिसाब से उसे रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.

डीएनए हिंदी: रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) में ग्रहों की दशा और जातक की परेशानियों के हिसाब से उसे रत्न धारण (Ratna Dharan) करने की सलाह दी जाती है. रत्न शास्त्र में पन्ना रत्न (Panna Ratna) को बुध ग्रह का रत्न माना जाता है. बुध ग्रह वाणी, वुद्धि और व्यापार से संबंधित होता है. ऐसे में जातक को व्यापार में हानि या आर्थिक तौर पर परेशानी होने पर पन्ना रत्म धारण (Panna Ratna) करना चाहिए. तो चलिए आज हम खुशहाल जीवन और व्यापार में लाभ के लिए पन्ना रत्न धारण करने के लाभ (Panna Ratna Benefits) के बारे में जानते हैं. साथ ही यह भी जानते हैं हैं कि पन्ना रत्न (Panna Ratna) किन लोगों के लिए शुभ होता है.

पन्ना रत्न धारण करने के लाभ (Panna Ratna Benefits)
रत्न शास्त्र के अनुसार, कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर होने पर पन्ना रत्न धारण करना चाहिए. यह बुध को मजबूत बनाता है. यदि जातक की कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो तो भी जातक को यह रत्न धारण करना चाहिए. कारोबारियों और व्यापार कर रहे जातकों को पन्ना धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है. यह व्यापार में तगड़ा मुनाफा दिलाता है हालांकि इसे बिना ज्योतिषीय सलाह के धारण नहीं करना चाहिए. 

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यह लोग कर सकते हैं धारण (Panna Ratna Benefits)
ज्योतिष में बताया गया है कि कन्या और मिथुन लग्न के जातकों के लिए पन्ना धारण करना शुभ होता है. साथ ही कुंडली में बुध की महादशा होने पर भी पन्ना धारण कर सकते हैं. व्यक्ति की कुंडली के 8वें और 12वें भाव में बुध ग्रह हो तो वह पन्ना रत्न पहन सकता है. नौकरी और व्यापार में हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं.

पन्ना रत्न धारण करने की विधि (Panna Ratna Dharan Vidhi)
- पन्ना धारण करने से पहले ज्योतिष की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए. तभी आप इसे धारण करें.
- पन्ना रत्न धारण करने के लिए उत्तम दिन बुधवार का माना जाता है. आप इसे ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र में धारण कर सकते हैं.
- बुधवार को रत्न धारण करने के लिए मंगलवार की रात को अंगूठी को दूध में रखें और सुबह इसे गंगाजल से शुद्ध करके पहन लें. 
- अंगूठी धारण करने से पहले आपको "ओम् बुं बुधाय नमः" की माला का जाप करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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