डीएनए हिंदीः रोज तुलसी की पूजा कर जल चढ़ाने से सुख-समृद्धि का वास होता है और शत्रुओं का नाश होता है. शाम के समय तुलसी के आगे दीपक जरूर जलाना चाहिए. वहीं कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर मां तुलसी और भगवान शालिग्राम जी का विवाह करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
अगर आप विधिवत पूजा के बाद देवी तुलसी की आरती नहीं करते तो आपको पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिलेगा. तुलसी को स्वयं देवी महालक्ष्मी का अवतार माना गया और वैवाहिक सुख की प्राप्ति के लिए तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए. तो चलिए पढ़ते हैं ये मां तुलसी की आरती.
मां तुलसी की आरती
जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।