डीएनए हिंदीः 20 फरवरी यानी आज सोमवती अमावस्या ( Somvati Amavasya 2023 ) है. इस दिन पितरों की शांति और पितृदोष से मुक्ति के लिए उपाय जरूर करना चाहिए. हिन्दू पंचांग के अनुसार साल में एक या दो बार ही सोमवती अमावस्या व्रत रखा जाता है. इस दिन तीर्थ स्नान और दान-धर्म करने से जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार से जानें की आज अमावस्या पर पितरों को कैसे खुश करें.
पितरों की पूजा या जल देने का सही समया क्या है?
पितरों को जल कितने बजे देना चाहिए? पितरों को जल देने का समय प्रात: 11:30 से 12:30 के बीच का होता है. पितरों को जल चढ़ाते समय कांसे का लोटा या तांबे के लोटे का प्रयोग करें. दोपहर में ईश्वर की पूजा नहीं करनी चाहिए.
पितरों को कैसे खुश किया जाए?
पितरों को प्रसन्न करने के 10 अचूक उपाय
प्रतिदिन पढ़ें हनुमान चालीसा. श्राद्ध पक्ष में अच्छे से करें श्राद्ध कर्म.
गरीब, अपंग व विधवा महिला को दें दान. ...
तेरस, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन गुड़-घी की धूप दें. ...
घर का वास्तु ठीक करवाएं. ...
गया में जाकर तर्पण पिंडदान करें.
अमावस्या के दिन क्या क्या नहीं करना चाहिए?
इस दिन मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन इत्यादि का सेवन वर्जित है. सोमवती अमावस्या के दिन इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि इस दिन घर में किसी भी प्रकार का वाद-विवाद उत्पन्न ना हो. साथ ही इस दिन मुख से अपशब्द ना निकालें. सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति को झूठ बोलने से भी बचना चाहिए.
अमावस्या पर किसकी पूजा करनी चाहिए?
अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है. हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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