Rishi Panchami Vrat 2023: आज है ऋषि पंचमी, जानें इसका महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और मंत्र

नितिन शर्मा | Updated:Sep 20, 2023, 06:36 AM IST

ऋषि पंचमी भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आती है. इस बार  ऋषि पंचमी आज यानी 20 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा अर्चना करना चाहिए.

डीएनए हिंदी: (Rishi Panchami 2023) हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के अगले ही दिन ऋषि पंचमी होती है. इस दिन व्रत रखने महिलाओं को बेहद खास लाभ मिलता है. ऋषि पंचमी भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आती है. इस बार  ऋषि पंचमी आज यानी 20 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा अर्चना करना चाहिए. साथ ही व्रत रखना चाहिए. इसे जीवन से जुड़ी कई सारी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. घर में सुख समृद्धि आने के साथ ज्ञाान बढ़ता है. इतना ही नहीं इस दिन व्रत रखने से गलती से हुए किसी भी पाप से मुक्ति मिल जाती है. वहीं महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होना है. 

ऋषि पंचमी पर दान करना भी बहुत ही शुभ होता है. इस दिन ऋषि मुनियों को से लेकर पंडितों को ​किया गया दान बहुत ही लाभदायक होता है. यह आने वाली समस्ययाओं को दूर करता है. आइए जानते हैं ऋषि पंचमी पर पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत के दौरान  विशेष मंत्रों के जाप के फायदे...

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ऋषि पंचमी का ये है शुभ मुहूर्त

ऋषि पंचमी हर साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार यह तिथि 19 सितंबर 2023 को 1 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुई है. यह 20 सितंबर 2023 को 2 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. इसलिए ऋषि पंचमी का व्रत 20 सितंबर को रखा जाएगा. इसमें भी पूजा का सबसे शुभ समय बुधवार को सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. इस दौरान सप्त ऋषियों पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. भगवान सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. सुख शांति मिलती है. 

ऋषि पंचमी पर ऐसे करें पूजा और स्नान

ऋषि पंचमी के दिन सुबह उठकर सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लें. इस दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ होता है. अगर आप गंगा स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो नहाने की बाल्टी में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. स्नान करने के बाद साफ सुधरे कपड़े पहने. घर के मंदिर को साफ करने के बाद अलग से एक चौकी स्थापित कर उस पर ऋषि और गुरु की तस्वीर रखें. इसके बाद सप्त ऋषियों को फल, फूल, धूप, दीप और पंचामृत अर्पित करें. उनकी आरती और मंत्र का जप करें. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जीवन में आने वाले दुखों का नाश होता है. 

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इन मंत्रों का करें जाप

ऋषि पंचमी के दिन कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:. जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:.गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा. मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें. इसे जीवन में आने वाले विघ्न खत्म हो जाते हैं. ऋषि पंचमी के दिन जप करना बहुत ही मंगलकारी होता है. सभी पापों से मुक्ति मिलती है.  

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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