डीएनए हिंदीः भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा-अर्चना (Shivling Puja) की जाती है. शिवलिंग पर फूल, दूध, धतूरा और जल अर्पित कर भक्त भोलेनाथ (Bhagwan Shiv) को प्रसन्न करते हैं. ऐसी मान्यताएं है कि भोलेनाथ शिवलिंग (Shivling) पर सिर्फ एक लौटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं. यहीं वजह है कि शिव पूजा (Bhagwan Shiv) के लिए शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है. हालांकि ऋषिकेश में एक ऐसा मंदिर (Rishikesh Shiv Temple) है जहां पर शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाने की मनाही है. यहां शिवलिंग (Shivling) पर सभी भक्त फूल अर्पित करते हैं. तो चलिए भगवान शिव के इस मंदिर में शिवलिंग (Shivling) पर जल की वजाय फूल चढ़ाने की वजह के बारे में जानते हैं.
श्री सच्चा अखिलेश्वर मंदिर (Shri Saccha Akhileshwar Mandir)
भगवान शिव का यह मंदिर देवभूमी उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित है. यह श्री सच्चा अखिलेश्वर मंदिर लक्ष्मण झूला पर स्थित हैं. यहां हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर में मौजूद शिवलिंग मरकरी है. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर की मान्यताओं के अनुसार, यहां शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जाता है. यहां शिवलिंग पर फूल अर्पित किए जाते हैं.
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नागा साधुओं ने की थी शिवलिंग की स्थापना
मंदिर निर्माण के समय सालों पहले यहां पर 11.5 फुट की शिवलिंग की स्थापना की गई थी. इस शिवलिंग की स्थापना के समय नागा साधुओं ने जग कल्याण के लिए मरकरी की शिवलिंग स्थापित करने के लिए कहा था. तभी बाबा 1009 भगत जी महाराज ने 11.5 फुट की शिवलिंग के पास ही मरकरी की शिवलिंग स्थापित की थी. नागा साधुओं ने अपने तपोबल से मरकरी को ठोस करके शिवलिंग की स्थापना की थी.
शिवलिंग पर चढ़ाया गया है चांदी का लेप
ऋषिकेश के श्री सच्चा अखिलेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर चांदी का लेप चढ़ाया गया है. यहां पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने की अनुमती नहीं है. लोग यहां शिवलिंग पर फूल अर्पित करते हैं. शिवलिंग की प्रतिदिन पूजा की जाती है लेकिन 15 दिनों में एक बार यहां पर महापूजा का आयोजन किया जाता है. इस महापूजा के दौरान शिवलिंग को फूलों और मिठाइयों से सजाया जाता है.
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