डीएनए हिंदी: Myth Of Shani Dev- न्याय के देवता शनि देव का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है, क्योंकि शनि को क्रूर ग्रह माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार (Shani Rashi Parivartan 2023) जिस पर शनि की नजर पड़ जाए उसका जीवन तमाम तरह की परेशानियों से घिर जाता है. ऐसे में इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. शनि देव (Shani Dev) से जुड़े कई मिथक हैं. जिनके पीछे कई धार्मिक और मनोवैज्ञानिक तथ्य छिपे हुए हैं. आइए जानते हैं शनि देव से जुड़े इन मिथकों के बारे में.
शनि देव हमेशा नहीं देते अशुभ फल
ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि शनि देव हमेशा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव कुंडली में जिस स्थान पर होते हैं, उसी के अनुसार वे फल प्रदान करते हैं. ऐसे में जिनकी कुंडली में शनि देव शुभ स्थिति में होते हैं. उन्हें जीवन में सफलताएं प्राप्त होती हैं. कहा जाता है शनि देव की कृपा से ही लोगों को राजपद प्राप्त होता है.
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शनि देव के सामने खड़े होकर दर्शन करना
शनि देव के बारे में एक और मिथ है कि उनका दर्शन हमेशा एक ओर खड़े होकर करना चाहिए. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शनि देव की दृष्टि में दोष है और जिस पर भी शनि की दृष्टि पड़ती है उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शनि देव के दर्शन कभी सामने खड़े होकर नहीं बल्कि एक ओर खड़े होकर करना चाहिए.
क्या शनि की साढ़ेसाती अशुभ होती है?
ज्यादातर लोग शनि की साढ़ेसाती को बेहद ही अशुभ मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं. इसमें प्रथम दो चरण काफी परेशान करने वाले होते हैं लेकिन अंतिम चरण यानी ढाई साल में शनि देव व्यक्ति को उसकी मेहनत का फल जरूर देते हैं. इसलिए शनि साढ़ेसाती का अंतिम समय बेहद शुभ माना जाता है.
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शनिवार को न खरीदें ये चीजें
इसके अलावा मान्यता है कि शनिवार के दिन तेल, लोहे का सामान, जूते-चप्पल आदि नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ये चीजें शनि देव से संबंधित होती हैं. ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन ये चीजें खरीदने से निगेटिविटी बढ़ती है और जीवन में परेशानियां आ सकती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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