Sawan Ekadashi 2023: सावन के महीने में होंगे 4 एकादशी व्रत, भगवान शिव के आशीर्वाद से पूर्ण हो जाएंगे सारे काम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 26, 2023, 01:10 PM IST

इस बार सावन का महीना पूरे दो माह यानी 62 दिनों का होगा. भगवान शिव की आराधना करने पूर्ण समय मिलने के साथ ही 4 एकादशी होगी. इनमें व्रत रखने पर जीवन की सभी बाधाएं और दुख खत्म हो जाएंगे. 

डीएनए हिंदी: (Sawan Month Ekadashi) हर साल जुलाई या अगस्त में लगने वाला सावन सबसे शुभ होता है. इस मास को भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. इस समय में सिर्फ जलाभिषेक और भगवान शिव की आराधना मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. अटके काम भी बनने लगते हैं. वहीं इस बार आपको भगवान की शिव आराधना करने के लिए दोगुना समय मिल रहा है. इसकी वजह सावन का दो माह तक होना है. इस बार सावन में आठ सोमवार और 4 एकादशी होगी. हर एक एकादशी का अलग महत्व और अलग फल मिलेगा. इस वजह से सावन का महत्व और भी बढ़ गया है. भगवान शिव के साथ ही श्रीहरि की कृपा भी बरसेगी. आइए जानते हैं सावन में एकादशी और उनके महत्व...

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सावन में पड़ेगी ये चार एकादशी व्रत

4 जुलाई 2023 से सावन की शुरूआत होगी. 10 को सावन का पहला सोमवार और 13 जुलाई को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा. दूसरा पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई और तीसरा परमा एकादशी 12 अगस्त और चैथी पुत्रदा एकादशी व्रत 27 अगस्त होगी. इन एकादशियों पर व्रत रखने का बहुत लाभ मिलेगा. भगवान के शिव के साथ ही श्री हरि की कृपा भी प्राप्त होगी. 

कामिका एकादशी 13 जुलाई

सावन के पहले सोमवार के दो दिन बाद ही 13 जुलाई कामिका एकादशी है. कामिका एकादशी पर पूजा पाठ करने के साथ ही भगवान शिव की आराधना और व्रत करने से जीवर मुश्किल और बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.  

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पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई

पद्मिनी एकादशी को कमला एकादशी भी कहा जाता है. शास्त्रों की मानें तो इस एकादशी पर व्रत रखने के साथ ही कथा सुनना बहुत ही शुभ होता है. भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही व्यक्ति सीधे बैकुंठ धाम को जाता है. 

परमा एकादशी 12 अगस्त

परमा एकादशी मलमास के कृष्ण पक्ष में आती है. इस व्रत को सच्चे मन और भाव से रखने पर सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इसका व्रत भी बहुत ही भारी होता है. साथ ही व्रत में अन्न, सोना और विद्या दान बहुत ही फलदायक होता है. 

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पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त

पुत्रदा एकादशी को बैकुंठ एकादशी भी कहते हैं. इस एकादशी पर व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. 
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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