डीएनए हिंदी: सावन में प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है लेकिन ये पूजा कुछ भूल से पूरी नहीं होती. यदि आप भी भगवान की पूजा कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कोई कांवड़ यात्रा करता है तो कोई उनकी पसंद की चीजों से अभिषेक करता है. ऐसा करना शिवजी को प्रसन्न भी करता है लेकिन अगर पूजा नियम के अनुसार न की जाए तो वह फलित नहीं होती. बस कुछ बातों का आप ध्यान रखें तो भगवान शिव आसानी से आपकी पूजा को स्वीकार कर अपना आशीर्वाद दे सकते हैं.
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भगवान शिव की पूजा से पहले जान ले ये बात
भगवान शिव की पूजा जब भी करें उनके पूरे परिवार को उसमें शामिल जरूर करें. भले ही सावन भगवान शिव को सर्पित होता है लेकिन देवी पार्वती, भगवान गणपति और कार्तिकेय की पूजा भी जरूरी होती है. इतना ही नहीं अगर आप शिव परिवार के साथ शिवजी के प्रिय नंदी की पूजा न कर तो भी पूजा स्वीकार नहीं होगी.
मन में इनका भी करें ध्यान
इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को है कि भगवान शिव की दो नहीं बल्कि छह संतानें थी. इसका वर्णन शिव पुराण में मिलता है. कार्तिकेय और गणेश के अलावा शिव के तीसरे पुत्र भगवान अयप्पा हैं. वहीं, शिवजी की तीन पुत्रियां भी हैं, अशोक सुंदरी, ज्योनति या मां ज्वा लामुखी और देवी वासुकी या मनसा। तो शिव परिवार में इनको भी ध्यान करें और पूजन करें.
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जानें शिवजी की पूजा के नियम
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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