डीएनए हिंदी: सावन में प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है लेकिन ये पूजा कुछ भूल से पूरी नहीं होती. यदि आप भी भगवान की पूजा कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कोई कांवड़ यात्रा करता है तो कोई उनकी पसंद की चीजों से अभिषेक करता है. ऐसा करना शिवजी को प्रसन्न भी करता है लेकिन अगर पूजा नियम के अनुसार न की जाए तो वह फलित नहीं होती. बस कुछ बातों का आप ध्यान रखें तो भगवान शिव आसानी से आपकी पूजा को स्वीकार कर अपना आशीर्वाद दे सकते हैं.
यह भी पढ़ें: Rules Related to Shivling : घर में शिवलिंग रखने से पहले जान लें शिवपुराण में वर्णित ये 10 नियम
भगवान शिव की पूजा से पहले जान ले ये बात
भगवान शिव की पूजा जब भी करें उनके पूरे परिवार को उसमें शामिल जरूर करें. भले ही सावन भगवान शिव को सर्पित होता है लेकिन देवी पार्वती, भगवान गणपति और कार्तिकेय की पूजा भी जरूरी होती है. इतना ही नहीं अगर आप शिव परिवार के साथ शिवजी के प्रिय नंदी की पूजा न कर तो भी पूजा स्वीकार नहीं होगी.
मन में इनका भी करें ध्यान
इस बात की जानकारी बहुत कम लोगों को है कि भगवान शिव की दो नहीं बल्कि छह संतानें थी. इसका वर्णन शिव पुराण में मिलता है. कार्तिकेय और गणेश के अलावा शिव के तीसरे पुत्र भगवान अयप्पा हैं. वहीं, शिवजी की तीन पुत्रियां भी हैं, अशोक सुंदरी, ज्योनति या मां ज्वा लामुखी और देवी वासुकी या मनसा। तो शिव परिवार में इनको भी ध्यान करें और पूजन करें.
यह भी पढ़ें: Shivling Prasad: क्यों नहीं खाना चाहिए शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद, मिले तो क्या करें
जानें शिवजी की पूजा के नियम
- सावन में सर्वप्रथम गणपति पूजा के बाद शिव-पार्वती और उनके बच्चों की पूजा करें. देवी पार्वती, भगवान शिव की शक्ति हैं और उनकी पूजा के बिना शिव की आराधना करने से कोई लाभ नहीं मिल पाएगा. शिवलिंग के समीप बैठकर दुर्गासप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए. वहीं, भगवान शंकर और माता पार्वती दोनों को प्रसन्न कर आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो शिवलिंग के पास बैठकर सिद्धिकुंजिकस्तोत्र का पाठ करना चाहिए.
- भगवान शिव और माता पार्वती जैसा खुशहाल और आदर्श वैवाहिक जीवन पाने के लिए अरण्य कांड का पाठ करना चाहिए. वहीं, संतान की तरक्की और खुशहाल जीवन के लिए माता के 108 नामों को 18 बार जाप करना चाहिए.
- भगवान शिव के प्रिय नंदी की पूजा भी महत्वपूर्ण है. नंदी पूजन के लिए आप उन्हें गाय के दूध तथा गंगाजल से स्नान कराएं. उन्हें बेलपत्र और अन्य फल चढ़ाएं। अब अपनी मनोकामना उनके कान में कह दें. ये बातें सीधे भोलेनाथ तक पहुंच जाएगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.