Sawan Shivratri 2024: सावन में इस दिन है सबसे बड़ी शिवरात्रि, जानें तिथि से लेकर शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नितिन शर्मा | Updated:Jul 31, 2024, 01:18 PM IST

सावन का महीना सबसे शुभ होता है. इस महीने में भगवान की शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी. यही वजह है कि इसमें आने वाले सोमवार और शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. इस दिन जलाभिषेक और भगवान उपासना करना बेहद शुभ होता है.

Sawan Shivratri 2024 Kab Hai: सावन भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है. इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. सावन माह में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का महत्व सबसे ज्यादा होता है. इसमें शिवलिंग पर जलाभिषेक व व्रत करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं. यही वजह है कि महादेव के भक्त सावन की शिवरात्रि का इंतजार लंबे समय से करते हैं. आइए जानते हैं कि इस बार किस दिन है शिवरात्रि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व...

इस दिन है सावन की शिवरात्रि 

सावन में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. इस बार महाशिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर होगी. यह 2 अगस्त को पड़ने वाली है. ऐसे में महाशिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को पड़ने वाली है. इसकी शुरुआत 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 3 अगस्त की शाम 3 बजकर 50 मिनट पर होगी. 

यह है शिवरात्रि का महत्व

शिवरात्रि का अर्थ है "शिव की रात", और यह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. सावन मास में आने वाली शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. इस दिन को पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान शिव के भक्त अगाध श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा अर्चना करते हैं. कांवड़ियें शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने के साथ ही रुद्राभिषेक करके भगवान शिव के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. 

शिवरात्रि पर यह है पूजा का शुभ मुहूर्त

शिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने पर विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. अगर लंबे समय से आपकी कोई मनोकामना पूर्ण नहीं हो पा रही है तो शिवरात्रि पर यह पूर्ण हो सकती है. इसके लिए शिवरात्रि पर कई ऐसे शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें भगवान की उपासना से मन की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी. इसके लिए रात्रि प्रहर पूजा का सबसे शुभ समय शाम 07 बजकर 07 मिनट से 09 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. वहीं रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 33 मिनट से अगले दिन सुबह 3 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. वहीं रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का समय 3 बजकर 16 मिनट से सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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