Shani Amavasya 2022: 14 साल बाद शनिश्चरी अमावस्या पर बनेगा शुभ संयोग, कष्‍ट मुक्ति के लिए करें ये उपाय

Written By ऋतु सिंह | Updated: Aug 25, 2022, 12:20 PM IST

14 साल बाद शनिश्चरी अमावस्या पर कष्‍ट मुक्ति के लिए करें ये उपाय

Shani Amavasya Upay: शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) 27 अगस्त को है और 14 साल बाद एक विशेष संयोग बन रहा है. इस मौके पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित राशियों को अपने कष्‍ट दूर करने का विशेष अवसर है. खास बात ये है कि इस बार शनि स्वराशि में भी होंगे.

डीएनए हिंदी: Shani Amavasya Importance : इस साल की आखिरी शनि अमावस्‍या भाद्रपद महीने में यानी 27 अगस्‍त दिन शनिवार को होगी. इस बार शनैश्चरी अमावस्या 14 साल बाद रहा संयोग शनिदेव के कष्‍टों से मुक्ति का कारण बनेगा. अगर आप इस दिन कुछ विशेष उपाय कर लें तो आपके जीवन में आई बाधाएं और कष्‍ट दूर हो सकेंगे. 

शनि अमावस्‍या पर शनि अपनी ही राशि मकर में होंगे और इसके बाद ये मौका दो साल के बाद ही मिलेगा. अमावस्‍या पर  स्नान दान और पितरों की पूजा की जाती लेकिन भाद्रपद शनि अमावस्या पर आप शनि से जुड़े उपाय जरूर करें. 

यह भी पढ़ें: September 2022 Vrat Tyohar:: जिऊतिया से लेकर नवरात्रि तक की देखें ये पूरी लिस्‍ट, कब है कौन सा त्‍योहार

शनि अमावस्या तिथि
भाद्रपद की शनिश्चरी अमावस्या तिथि 26 अगस्त शुक्रवार को दिन में 11:20 से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि 27 अगस्त शनिवार को दोपहर 01:45 पर समाप्त होगी. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद जरूरत की चीजें गरीबों को दान करें और शनि के कष्‍ट से मुक्ति चाहिए तो इस दिन काली चीजों का दान करें. काला तिल, जूता, छाता, कंबल, चारद या कपड़ा आदी. सरसों के तेल का दान भी शनि के कष्‍ट से मुक्ति दिलाएगा. 

इन रशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या 
इस समय शनिदेव मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं और ऐसी स्थिति में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वहीं, मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है. शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टों से बचने के लिए शन‍ि अमावस्‍या पर जरूर दान-पुण्‍य और उपाय करें. 

यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2022: कब है गणेश चतुर्थी? यहां जानें सही डेट, मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त, विसर्जन की तारीख

शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय

  • इस दिन काली उड़द दाल से बनी इमरती प्रसाद में अर्पित करें. शनिदेव की मंदिर के बाहर बैठे लोगों में ये प्रसाद बांटे. 
  • शनिश्चरी अमावस्या के एक दिन पहले यानी की शुक्रवार को सवा पाव काली उड़द की दाल को एक कपड़े में बांध ले और इसे वहां रखें जहां आप सोएंगे. अपने तकिए के पास रखें और अकेले सोएं. अगले दिन यानी शनिश्चरी अमावस्या के दिन इस दाल की पोटली को किसी शनि मंदिर में रख दें. आपके कष्‍ट दूर हो जाएंगे. 
  • शनिश्चरी अमावस्या के दिन एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति तो दान कर दें. 
  • पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. माना जाता है कि यह उपाय कम से कम पांच शनिवार करने से शनि दोष में काफी लाभ मिलता है.

 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.