शनिदेव को न्याय का देवता और कर्म फलदाता कहा जाता है. इसकी वजह शनिदेव का कर्मों के अनुसार ही फल देना है. शनिदेव भगवान अच्छे कर्मों पर व्यक्ति को रंक से राजा बना देते हैं. वहीं बुरे कर्म करने पर शनिदेव नाराज हो जाते हैं. इस पर व्यक्ति को शनी की साढ़े साती ढैय्या से गुजरना पड़ता है. ऐसे में उनका जीवन परेशानी और चुनौतियों से भर जाता है. अगर आप भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या से गुजर रहे हैं तो शनिदेव भगवान को प्रसन्न करने के शनिवार के दिन उनकी पूजा अर्चना करें. साथ शनि मंत्रों के जाप के अलावा भगवान को पसंदीदा भोग लगाएं. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं. उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में चल रही परेशानियां और समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है.
शनिदेव को लगाएं इन चीजों का भोग
काली उड़द दाल
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन काली उड़द की दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं. इसे पाकर शनिदेव प्रसन्न होते हैं. व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और प्रसन्नता देते हैं.
काले तिल
शनिदेव के प्रिय भोग में काले तिल भी शामिल हैं. यह भगवान को सबसे ज्यादा प्रिय हैं. शनिवार को काला तिल या उससे बनी चीज भगवान को भाग रूप में चढ़ाने से व्यक्ति हर कामना पूर्ण होती है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप भी कम होता है.
गुड़
शनिदेव को गुड़ का भोग भी काफी प्रिय है. इसे सबसे महत्वपूर्ण और उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि शनिदेव को गुड़ या इससे बनी चीज का भोग लगाने पर जीवन में सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है. बिगड़े काम भी अपने आप बन जाते हैं.
मीठी पूड़ी का भोग
शनिवार के दिन शनिदेव को मीठी पूड़ी या गुलाब जामुन का भोग लगाना बेहद शुभ होता है. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं. व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति प्रदान करते हैं. कष्टों को दूर करते हैं.
शनिवार के दिन जरूर करें शनिदेव की पूजा
अगर आप शनि की साढ़ेसाती या प्रकोप से जूझ रहे हैं तो शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा अर्चना जरूर करें. इस दिन भगवान को नीले फूल, काला कपड़ा, उड़द की दाल और काले तिल अर्पित करें. साथ ही काली तुलसी की माला पर 'ऊँ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं. सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.
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