Shanishchari Amavasya 2023: पितृदोष-शनिदोष से चाहिए मुक्ति? इस शनिश्चरी अमावस्या पर जरूर करें इन मंत्रों का जाप

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 11, 2023, 07:10 PM IST

पितृदोष-शनिदोष से चाहिए मुक्ति तो शनिश्चरी अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप 

Shanishchari Amavasya Upay: पितृदोष और शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए इस बार शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव के इन खास मंत्रों का जाप जरूर करें.

डीएनए हिंदीः हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाती है. इस बार यह शुभ तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या मनाया जाएगा. बता दें कि शनिश्चरी अमावस्या न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है और इस दिन शनि देव की पूजा-उपासना करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं. इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है. इसके अलावा, इस दिन खास उपाय को करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में अगर आप (Shanishchari Amavasya 2023 Kab Hai) भी शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनिश्चरी अमावस्या के दिन पूजा के समय शनि स्तोत्र का पाठ जरूर करें. आइए जानते हैं शनि स्तोत्र का पाठ और शनि मंत्र का जाप..

इस दिन करें शनि स्त्रोत का पाठ 

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकंठनिभाय च
नम: कालाग्निरूपाय कृतांताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

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नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

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देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्रहराजो महाबल:।।

शनि महामंत्र का करें जाप 

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि गायत्री मंत्र का करें जाप 

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्.

शनि दोष निवारण के लिए इस मंत्र का करें जाप

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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