Sharad Purnima 2024: अक्टूबर माह में इस दिन है शरद पूर्णिमा, जानें तारीख से लेकर व्रत, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 09, 2024, 03:30 PM IST

सनातन धर्म में अलग अलग तिथियों और व्रतों का अपना बड़ा महत्व है. इन्हीं में से एक शरद पूर्णिमा है. इसमें मां लक्ष्मी के साथ ही चंद्रदेव की पूजा अर्चना और व्रत करने से कृपा प्राप्त होती है. 

हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का खास महत्व होता है. इस व्रत रखने के साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन चंद्रदेव की उपासन के साथ ही उन्हें रात के समय जल देने पर कृपा प्राप्त होती है. जीवन में चल रहे तनाव और समस्याओं से मुक्ति मिलती है. हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में शरद पूर्णिमा आती है. आइए जानते हैं इस बार शरद पूर्णिमा की तारीख से लेकर पूजा विधि, महत्व और व्रत समय...

इस दिन है शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima Date 2024)

अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है. इसमें चंद्रदेव की पूजा अर्चना करने से लेकर जल अर्पित करना बेहद शुभ होता है. इसके साथ ही चंद्रदेव की उपासना करने मन शांत रहता है. तनाव से मुक्ति मिलती है. 

यह है शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Shubh Muhurta 2024)

इस बार शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर 2024 को 8 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 17 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. वहीं इस दिन चंद्रोदय शाम 5 बजकर 4 मिनट पर होगा. ऐसे में व्रत का पारण चंद्रमां के दर्शन करने के बाद ही करना शुभ होगा. 

शरद पूर्णिमा पर पूजन का शुभ मुहूर्त  (Sharad Purnima Puja Muhurta)

शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने पर विशेष लाभ प्राप्त होते है. इसका शुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर को रात 11 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसमें माता की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन में सुख संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी.  

ये है शरद पूर्णिमा महत्व (Sharad Purnima significance)

बताया जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की चमक अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा होती है. इस दिन चंद्रमा से अमृत गिरता है. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी धरतीलोक पर  भ्रमण करती हैं. इस दिन जो भी व्यक्ति मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करता है. उस पर माता की कृपा होती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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