Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि पर माता के नौ स्वरूप के साथ अलग-अलग दिन लगाएं 9 तरीके के भोग, मिलेगा माता का आशीर्वाद 

नितिन शर्मा | Updated:Oct 13, 2023, 02:24 PM IST

देशभर में मां दुर्गा के स्वागत से जुड़ी तैयारियां हो रही हैं. भक्तों के लिए मां के ये नौ दिन बेहद ही खास माने जाते हैं. इस दौरान माता की कृपा पाने के लिए नौ स्वरूपों को अलग-अलग भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं.

डीएनए हिंदी: (Shardiya Navratri 2023) शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर यानी रविवार से होने जा रही है. वहीं, देशभर में मां दुर्गा के स्वागत से जुड़ी तैयारियां हो रही हैं. लोग नवरात्रि के दिनों में माता रानी को खुश करने के लिए पूजा-पाठ, व्रत, हवन करते हैं. भक्तों के लिए मां के ये नौ दिन बेहद ही खास माना जाता है.  इस दौरान  माता की कृपा पाने के लिए नौ स्वरूपों को अलग-अलग भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं. आइए जानते हैं किस दिन मां के किस स्वरूप की पूजा होती है.

नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की करें पूजा 

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पहला दिन 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के इस स्वरूप का जन्म हिमालय राज के घर हुआ था. इसी वजह से इनका नाम शैलपुत्री रखा गया. नवरात्रि का पहला दिन इन्हीं को समर्पित है. भक्त इस दिन पीला वस्त्र धारण करके मां शैलपुत्री की आराधना करते हैं और इन्हें धी का भोग लगाया जाता है.

दूसरा दिन 

नवरात्रि के दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का होता है. ऐसी मान्यता है कि भक्त जीवन में तरक्की पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं. इस दिन हरा वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है. मां ब्रह्मचारिणी को भक्त शक्कर का भोग लगा सकते हैं.

तीसरा दिन

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की आराधना करने से पाप कर्म से मुक्ति मिलती हैं. तीसरे दिन आप भूरे या ग्रे कलर के वस्त्र धारण करें. माता को प्रसन्न करने के लिए दूध से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं.

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चौथा दिन

नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित होता है. इनकी पूजा करने से सौभाग्य सुख और समृद्धि बढ़ती है. चौथे दिन नारंगी वस्त्र धारण कर सकते हैं. इसके साथ ही माल पुआ का भोग मां चंद्रघंटा को लगाना चाहिए.

पांचवा दिन

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इनकी पूजा करने से घर में सुख और शांति बढ़ती है. स्कंदमाता की पूजा पीले रंग के वस्त्र धारण करके करें. साथ ही मां को प्रसन्न करने के लिए केले का भोग लगाएं.

छठा दिन

शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन भक्तों को लाल रंग का वस्त्र धारण करके पूजा करना चाहिए. इसके अलावा मां को भोग में पान लगाना बेहद ही शुभ माना जाता है.

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सातवां दिन

नवरात्रि का सातवां दिन मां काली रात्रि को समर्पित है. इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त नीला वस्त्र पहनकर गुड़ की बनी मिठाई का भोग लगा सकते हैं.

आठवां दिन

नवरात्रि के अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा विधि-विधान से की जाती है. इस दिन माता को नारियल के बर्फी का भोग लगा सकते हैं. भक्तों को मां महागौरी की पूजा गुलाबी रंग का वस्त्र पहनकर करना चाहिए.

नौवां दिन

नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इनकी आराधना करने से ही भक्तों को सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है. इसलिए मां सिद्धिदात्री की पूजा को बेहद ही खास माना जाता है. भक्त इस दिन जामूनी रंग का वस्त्र पहन सकते हैं. इस दिन माता को सूजी के हलवा, पूरी और चने का भोग लगाया जाता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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