डीएनए हिंदीः दुर्गा पूजा के दिन नजदीक आने लगे हैं. अक्टूबर में इस बार पितृपक्ष होने से शारदीय नवरात्रि 15 दिन लेट से हो रही है. असल में इस साल अधिक मास के कारण सारे ही त्योहार लेट हो रहे हैं.
पंचांग के अनुसार इस साल मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. 14 अक्टूबर महालया है और इसके बाद 15 अक्टूबर से देवी पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी. बता दें की देवी दुर्गा की नवरात्रि में विशेष पूजा में 20 अक्टूबर महाषष्ठी से शुरू होगी. चलिए इस बार शारदीय नवरात्रि की तारीख, पूजा समय के बारे में जान लें. साथ ही कलश स्थापना लेकर सामग्री के बारे में भी जान लें.
इस दिन से शुरू हो रहा शारदीय नवरात्र
इस साल नवरात्रि रविवार 15 अक्टूबर 2023, से शुरू हो रही है, 23 अक्टूबर 2023 मंगलवार को नवरात्रि समाप्त होगी वहीं, 24 अक्टूबर, विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 मिनट से शुरू होगी. ये 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी.
आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 मिनट से शुरू होगी. ये 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से होगी.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 48 मिनट ही रहेगा.
- घटस्थापना तिथि - रविवार 15 अक्टूबर 2023
- घटस्थापना मुहूर्त - प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08: 47 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक
शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां (Shardiya Navratri 2023 Tithi)
15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि
17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि
18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि
20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
23 अक्टूबर 2023 - महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण
24 अक्टूबर 2023 - मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)
पंचांग के अनुसार इस वर्ष देवी का आना और जाना दोनों घोड़ों पर है. शास्त्रों के अनुसार देवी का एक ही वाहन से आना-जाना शुभ नहीं होता है. फिर भी, घोड़े पर आगमन फैलाव का संकेत देता है, इसका असर सामाजिक-राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता पर दिखेगा है. घोड़े पर सवार होकर देवी का आना-जाना युद्ध, उथल-पुथल, क्रांति का संकेत देता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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