Shardiya Navratri: मां दुर्गा के 9 दिन ही क्यों मनाये जाते हैं नवरात्रि, जानें इस अंक के महत्व से लेकर माता दुर्गा की पूरी कहानी 

Written By नितिन शर्मा | Updated: Sep 25, 2024, 05:08 PM IST

सनातन धर्म में मां दुर्गा की पूजा अर्चना विशेष रूप से की जाती है. नौ दिनों तक माता के नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाये जाते हैं. इनमें माता की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति पर माता की कृपा होती है और हर काम बन जाते हैं.

Shardiya Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि के विशेष महत्व हैं. साल में 4 बार नवरात्रि आते हैं. इनमें 2 गुप्त और दो मुख्य नवरात्रि आते हैं. इन्हीं में से एक शारदीय नवरात्रि हैं. शारदीय नवरात्रि इस साल 3 अक्टूबर 2024 से शुरु होकर 12 अक्टूबर तक रहेंगे. यह 9 दिनों का त्योहार शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है. इसमें मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. माता की मूर्ति को 9 दिनों तक के लिए घर में स्थापित किया जाता है. इसके बाद दशहरा मनाया जाता है, लेकिन बहुत से लोगों मन सवाल रहता है कि आखिर नवरात्रि नौ दिनों तक ही क्यों रहते हैं. नौ नंबर से माता का क्या संबंध आइए जानते हैं...

क्यों मनाये जाते हैं नवरात्रि

हिंदू पुराण और शास्त्रों के अनुसार, महिषासुर नाम के एक राक्षस का आतंक स्वर्ग तक पहुंच गया था. उसने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया. देवता परेशान होकर ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी के पास पहुंचे. इसके बाद भगवान अपनी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर देवी दुर्गा को उत्पन्न किया. मां दुर्गा के पास सभी देवताओं की शक्तियां थी. इसलिए उन्हें महाशक्ति कहा गया. इसी के बाद महाशक्ति का महिषासुर से 9 दिनों तक युद्ध चला. नौ दिनों के युद्ध में मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया. 

नवरात्रि में ये है 9 अंक का महत्व 

मां दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध कर 10वें दिन उसका वध कर दिया. पुराणों के अनुसार, इसी के बाद नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद 10वें दिन विजयदशमी मनाई जाती है. इतना ही नहीं, ज्योतिष में भी माना जाता है कि जिन लोगों का मूलांक 9 होता है. उन पर मां दुर्गा की कृपा होती है. 

यह है मां देवी का वाहन 

मां दुर्गा का वाहन सिंह यानी शेर है. यह उनकी अद्वितीय शक्ति का प्रतीक है. इसमें असीम बल और साहस है. मान्यता है कि सिंह पर सवार मां दुर्गा संसार को बुराईयों और अज्ञानता से बचाती हैं. इसी वजह से मां दुर्गा को त्रयंबके भी कहा जाता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.) 

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