Shardiya Navratri 2024: आज घटस्थापना करते समय जरूर शामिल करें ये चीजें, जानें शुभ मुहूर्त से लेकर इसकी विधि 

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 03, 2024, 07:13 AM IST

आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. इसमें दुर्गा पूजा की मूर्ति स्थापना के साथ ही घटस्थापना की जाएगी. इसी के साथ व्रत और माता के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की शुरुआत होगी.

Kalash Sthapana Shubh Muhurat: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इसमें गुरुवार यानी आज पहला नवरात्रि है. इसमें मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना के साथ ही लोग घटस्थापना करेंगे. यही वजह है कि नवरात्रि का पहला दिन बेहद विशेष होता है. इसमें मां शैलपुत्री की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाएगी. वहीं माना जाता है कि अगर पूरे विधि विधान के साथ घटस्थापना की जाए, तो इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं. अपने भक्त की सभी मनोकामना को पूर्ण करती हैं. ऐसे में आपकी घटस्थापना में कोई चीज अधूरी न हो, इसके लिए इन चीजों को जरूर शामिल कर लें. इसके साथ ही जानते हैं कि इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

यह है घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 3 अक्टूबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगी. इसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर को रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर को होगी. इसमें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. इस समय में घटस्थापना करने से विशेष लाभ प्राप्त होंगे. 

घटस्थापना के लिए जरूर शामिल ये सामग्री

घटस्थापना के लिए कुछ चीजों को शामिल करना बेहद जरूरी है. इनमें सबसे पहले मिट्टी का बर्तन यानी कलश, साफ जवा, आम या अशोक के पत्ते, अखंड ज्योति के लिए दीपक, कलावा, सुपारी, जटाओं वाला नारियल, फूल, फल, लाल रंग का कपड़ा, मां की चुनरी, मिठाई, फल, पंचामृत के साथ ही दुर्वा, अक्षत, गंगाजल, सिक्के, शहद, इत्र, घी, गुड़, धूप, कपूर और नैवेद्य को घटस्थापना के समय जरूर रख लें. 

ऐसे करें घटस्थापना

नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान करें. इसके बाद घटस्थापना के लिए ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को बेहतर माना जाता है. यह स्थाना घटस्थापना के लिए शुभ होता है. इसकी अच्छे से सफाई कर यहां लकड़ी की चौकी बिछाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं. इसके बाद घट पर रोली या फिर चंदन से स्वस्तिक बनाएं और घट में मौली बांध लें. अब कलश लेकर उसमें जल भर के हल्दी, रोली, अक्षत, सिक्का डाल दें. इसके बाद कलाश आम या अशोक के पत्ते रखकर उस पर नारियल रखें. घट में जौ डाल दें. अब कलश को इसके ऊपर स्थापिक कर दें. दीपक जलाएं और माता रानी का आह्वान करते हुए पूजा और व्रत का संकल्प लें. इससे माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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