Shardiya Navratri 2024: पितृपक्ष खत्म होते ही आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवदुर्गा के शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी. नवरात्रि 9 दिनों तक रहते हैं. इन्हें हिंदू धर्म में उत्सव के रूप में मनाया जाता है. नवरात्रि के पहले दिन माता मूर्ति स्थापना की जाती है. इसके बाद नौ दिनों तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान व्रत रखें जाते हैं. इसमें मां दुर्गा की पूजा अर्चना और व्रत रखने के साथ ही अखंड ज्योत जलाना बेहद शुभ होता है. इससे माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. माता रानी अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती है.
अगर आप भी नौ दुर्गा की पूजा अर्चना और व्रत के साथ ही अखंड ज्योत जलाना चाहते हैं. तो इसके कुछ नियम हैं. इनकी अनदेखी या गलती करने पर माता की कृपा प्राप्त नहीं होती है. वहीं सभी नियम अनुसार अखंड ज्योत जलाने से जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है. यही वजह है कि भक्त नवरात्रि के दौरान माता की पूजा और आरती करने के साथ ही अखंड ज्योत जलाते हैं. आइए जानते हैं अखंड ज्योत जलाने नियम और गलतियां जो भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
इस दिन से शुरू होंगे शारदीय नवरात्रि
इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 3 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 19 पर होगी. इसका समापन अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए नवरात्रि पर कलश स्थापना 3 अक्टूबर 2024 को की जाएगी. इसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को होगा.
अखंड ज्योति के ये हैं नियम
नवरात्रि की शुरुआत के दिन ही मां दुर्गा की पूजा अर्चना के साथ ही ज्योत जलाई जाती है. ज्योत जलाते समय ‘करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते’. इस मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही अखंड ज्योत की बाती मौली यानी कलावै से बनाएं. यह बेहद शुभ होता है.
अखंड ज्योत वाले दीपक को भूलकर भी सीधे भूमि पर नहीं रखना चाहिए. दीपक को हमेशा जौ, चावल या गेहूं के ढेर के रखना चाहिए. यह बेहद शुभ होता है.
अखंड ज्योत में घी या तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. घी में अखंड ज्योत जला रहे हैं तो इसे दाईं और रखें. वहीं तेल में अखंड ज्योत जला रहे हैं तो इसे बाई तरफ रखना शुभ होता है.
अखंड ज्योत जलाने के बाद घर को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए. नौ दिनों तक घर में कोई न कोई सदस्य जरूर रहें. अखंड ज्योत में टूटे या फिर खंडित दीपक का इस्तेमाल न करें.
नवरात्रि के समापन पर ज्योत को अपने से या खुद न बुझाएं. इसे खुद ही बुझने दें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.
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