शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) का पावन पर्व 03 अक्टूबर 2024 से शुरू हो चुका है, जो कि 12 अक्टूबर तक चलेगा. भक्त इस नौ दिवसीय त्योहार में मां भगवती (Maa Bhagwati) के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 9 दिन व्रत और पूजा करने से माता दुर्गा प्रसन्न होकर लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
नवरात्रि के दौरान जो लोग व्रत (Vrat Niyam) रखते हैं, उनके लिए व्रत के दौरान फलाहार (Navratri Upvas Niyam) करने को लेकर कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत ही जरूरी है. हालांकि कुछ स्थानों पर ये नियम (Falahar Niyam) मान्यताओं के आधार पर अलग हो सकते हैं.
नवरात्रि व्रत में फलाहार का क्या है नियम
नवरात्रि के व्रत के लिए कुछ सामान्य नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है. आमतौर पर कई लोग नवरात्रि के दौरान व्रत रखते हैं तो उन्हें जब भी भूख लगती है फलाहार कर लेते हैं या फिर व्रत में खाई जाने वाली चीजें खा लेते हैं. लेकिन, फलाहार से जुड़े सही नियम के बारे में आपको जान लेना चाहिए.
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बता दें कि नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जा सकता है. आमतौर पर कुछ लोग उपवास के दौरान खिचड़ी खाते हैं और कुछ सेंधा नमक के साथ भोजन करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग फलाहार भी करते हैं तो कुछ केवल दूध और जल आदि ग्रहण करते हैं. लेकिन आप चाहे किसी भी तरह का उपवास करें पर आपको बार-बार और बहुत ज्यादा नहीं खाना चाहिए. इससे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है.
इन बातों का रखें ध्यान
- नवरात्रि के व्रत में सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है और सामान्य नमक का उपयोग नहीं किया जाता है.
- व्रत में आप पानी पी सकते हैं और विभिन्न प्रकार के फल खा सकते हैं, इनमें सेब, अंगूर, संतरा, केला आदि शामिल हैं.
- इस व्रत में कई लोग उबली हुई या भाप से पकाई हुई सब्जियां खाते हैं, यह लोगों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है.
- कई लोग दूध और दही का सेवन भी करते हैं और यह भी लोगों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है.
- इस दौरान भोजन बनाने और खाने के स्थान को साफ-सुथरा रखना चाहिए.
- व्रत के दौरान मन को शांत रखें और भगवान की भक्ति में लीन रहें.
- व्रत के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें.
- फलाहार को लेकर आप अपने गुरु या किसी धार्मिक गुरु से भी इस बारे में सलाह ले सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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