Sheetala Ashtami 2024: आज है शीतला अष्टमी, जानें माता की पूजा अर्चना की विधि, मिलेगा धन धान्य और आरोग्य का आशीर्वाद 

नितिन शर्मा | Updated:Apr 02, 2024, 05:58 AM IST

माता शीतला अष्टमी (Sheetala Mata Ashtami) आज 2 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन माता की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा अर्चना से लेकर व्रत का संकल्प लेने से जीवन में आरोग्य की प्राप्ति होती है. संतान से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.

Mata Sheetala Ashtami 2024: माता शीतला को शक्ति का स्वरूप माना जाता है. नवरात्रि से पूर्व मंगलवार को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन माता की पूजा अर्चना करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माता की पूजा अर्चना करने से ही व्यक्ति के सभी रोग दोष दूर हो जाते हैं. खासकर संतान से जुड़ी सभी समस्याएं मिट जाती है. आइए जानते हैं कि शीतला माता (Sheetala Ashtami 2024) की तिथि से लेकर पूजा का शुभ मुहूर्त और लाभ...

इस दिन है शीतला अष्टमी का व्रत और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, 1 अप्रैल की रात से अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी. यह अगले दिन 2 अप्रैल को रात 8 बजकर 8 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, शीतला अष्टमी की पूजा और व्रत 2 अप्रैल मंगलवार को रखा जाएगा. इसी​ दिन माता की पूजा अर्चना करने विशेष लाभ प्राप्त होंगे. आष्टमी के दिन माता की पूजा और बसौड़ा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 9 मिनट से 6 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. 

ऐसे करें शीतला अष्टमी की पूजा

शीतला अष्टमी की शुरुआत से एक दिन पहले ही माता के आने उपलक्ष में घर की साफ सफाई कर लेनी चाहिए. घर में पूजा स्थल को मुख्यरूप से साफ रखें. इसके बाद शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद माता की पूजा अर्चना करें और व्रत संकल्प लें. साथ ही माता को उनकी प्रिय दही, मूंगदाल या फिर रबड़ी का भोग लगाएं. कुछ जगहों पर इस दिन माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है. माता शीतला की पूजा करते समय उसके मंत्र और स्तोत्र का पाठ कराना भी शुभ होता है. आप  शीतला माता के मंत्र 'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः' का कम से कम 108 बार जाप करें. इससे माता प्रसन्न होंगी और सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं. 

शीतला माता की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ

माता शीतला की पूजा अर्चना करने से कई शुभ फल प्राप्त होते हैं. आरोग्य से लेकर चेचक, नेत्र, स्किन, बुखार जैसी बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है. बच्चों पर माता शीतला की विशेष कृपा होती है. यही वजह हैं कि मां अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं. इससे मां प्रसन्न होकर व्रती को संतान को सुख और समृद्धि और ज्ञान देती हैं. शीतला अष्टमी ऐसे समय आती है, जब मौसम में बदलाव होता है. इसकी वजह से तमाम तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए माता शीतला की पूजा करने से संक्रामक का खतरा काफी हद तक खत्म हो जाता है. व्यक्ति को जीवन में निरोगी काया के साथ सुख और शांति प्राप्त होती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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