Shivling Prasad Rule: शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद का जानिए क्या करना चाहिए, खाने की कभी न करें भूल

ऋतु सिंह | Updated:Feb 16, 2023, 09:32 PM IST

शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाकर खाना होता है मना, जानिए क्यों

Shivling Prasad Rule: भगवान शंकर पर चढ़े प्रसाद को खाया जा सकता है, लेकिन शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को खाना मना होता है. क्यों, चलिए जानें.

डीएनए हिंदी: महादेव (Mahadev) का प्रतीक है शिवलिंग (Shivling) और शिवलिंग की पूजा करने के पुण्यलाभ भी अधिक होते हैं, लेकिन आपको क्या पता है कि शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद (Prasad) नहीं खाना चाहिए और अगर शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद मिले तो उसे क्या करें.

भगवान शिव की पूजा और शिवलिंग की पूजा के नियम अलग-अलग होते हैं. उसी तरह भगवान शिव और शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण करने के नियम भी अलग हैं.  अमूमन मंदिर में भगवान की पूजा के बाद चढ़े प्रसाद को बांट दिया जाता है और उसे खाना पुण्येदायक होता है, लेकिन शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाने मना होता है. 

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इसलिए नहीं खाना चाहिए शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद न खाने के पीछे एक पौराणिक मान्यंता है. भगवान शिव के मुख से चण्डेश्वर नामक गण प्रकट हुआ था. भूत-प्रेतों का प्रधान चण्डेश्वर ही हैं और शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चण्डेश्वर का भाग होता है.  चण्डेश्वर का अंश यानी शिवलिंग पर चढ़ा  हुआ प्रसाद ग्रहण करना भूत-प्रेतों का अंश ग्रहण करना माना जाता है. इसलिए कहा जाता है कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए. 

भगवान शिव का प्रसाद सभी पापों का नाश करता है. 
शिव पुराण में कहा गया है कि भगवान शिव का प्रसाद सभी प्रकार के पापों का नाश करता है. शिव जी के प्रसाद के दर्शन भर मात्र से ही असंख्य पाप नष्ट हो जाते हैं. फिर प्रसाद ग्रहण करने के पुण्य का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

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शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद का क्या करें 
शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद किसी नदी या जलाशय में प्रवाह कर देना चाहिए. उसे न तो खाना चाहिए न ही किसी को देना चाहिए.

ऐसे शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खा सकते हैं
किसी भी धातु से बनी हुई शिवलिंग या फिर पारद के शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को चण्डेश्वर का अंश नहीं माना जाता. यह महादेव का भाग होता है. इसलिए इन पर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण करने से दोष नहीं लगता. शिवलिंग के साथ शालिग्राम होने पर भी दोष समाप्त हो जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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