डीएनए हिंदी : सनातन धर्म में कार्तिक मास (Kartik Maas 2023) के दौरान स्नान दान के साथ ध्यान जप का विशेष महत्व है. इस पवित्र माह में विष्णु जी और तुलसी माता की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी महीने भगवान विष्णु (Lord Vishnu) योग निद्रा से जागे थे. इसलिए इस माह में विष्णु जी की विधिवत पूजा की जाती है. कार्तिक मास में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए वेदों और पुराणों में बहुत से मंत्रों और ऋचाओं का वर्णन मिलता है, इन्हीं में से एक है श्री हरि स्त्रोतम. श्री हरि स्तोत्र (Shri Hari Stotram) का पाठ बेहद शक्तिशाली माना गया है और इस स्तोत्र का दिन में एक बार पाठ करने से भगवान विष्णु साधक के जीवन की सभी परेशानियों को दूर करते हैं. यहां पढ़ें श्री हरि स्त्रोतम का सम्पूर्ण पाठ...
श्री हरि स्तोत्र
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥
इस दिन रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत, नोट कर लें सही डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥
सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥
विष्णुजी का प्रिय महीने कार्तिक के जान लें नियम, जानें किसे मिलेगा वैकुण्ठ और कौन भोगेगा नरक
रमावामभागं तलानग्रनागं
कृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं
गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥
फलश्रुति
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥
श्री हरि स्तोत्र पाठ का लाभ
शास्त्रों में श्री हरि स्तोत्र का पाठ बेहद कल्याणकारी माना गया है, रोजाना इसका पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और मानसिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इससे सकारात्मकता आती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं. श्री हरि स्तोत्र का पाठ आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनने में भी मदद करता है. इसके अलावा जो व्यक्ति किसी मानसिक आघात से गुजर रहा है, उसके लिए यह पाठ बहुत ही लाभकारी है. साथ ही जो व्यक्ति प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसके घर में हमेशा सुख- शांति बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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