Pm Modi ने लिया 11 दिनों का अनुष्ठान, जानें 11 दिन के उपवास में प्रधानमंत्री को किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान

नितिन शर्मा | Updated:Jan 13, 2024, 02:25 PM IST

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 22 जनवरी 2024 को की जाएगी. इसके लिए प्रधानमंत्री ने 11 दिन का अनुष्ठान किया है. अनुष्ठान के दौरान यम नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं वो नियम, जिनका पीएम मोदी को पालन करना होगा.

डीएनए हिंदी: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोर शोर से चल रही है. इसमें अब सिर्फ 11 दिनों का समय रहा गया. जैसे जैसे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन नजदीक आ रहे हैं, लोगों में उतनी ही तेजी से उत्साह बढ़ता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी प्रसन्न हैं. उन्होंने 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान किया है. यह अनुष्ठान एक तपस्वी की दिनचर्या के रूप में होता है. इसमें बहुत सी चीजों को ध्यान  रखना पड़ता है. खानपान से लेकर सोने तक यानी पूरी दिनचर्या में बदलाव करना पड़ता है. इस दिनचर्या को 11 दिनों तक फॉलो करना पड़ता है. इसे यम नियम भी कहा जाता है. आइए जानते हैं अनुष्ठान के महत्व से लेकर यम नियम तक क्या होता है...

यह है अनुष्ठान का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, भगवान की प्राण प्रतिष्ठा को एक विशद और वृहद प्रक्रिया बताया गया है. इसके लिए कई दिन पहले से कुछ नियमों का पालन किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इसके लिए उन्होंने 11 दिनों का अनुष्ठान करने का पालन निश्चय किया है. शुक्रवार से पीएम ने नासिक के पंचवटी धाम से अनुष्ठान का ऐलान किया. 

यम नियम का करना होगा पालन

प्रधानमंत्री को 11 दिनों तक अनुष्ठान के दौरान यम नियमों का पालन करना होगा. यम नियम 11 दिनों के लिए होता है. इसमें यम का अर्थ संयम, ब्रह्मचर्य, अस्तेय, अंहिसा, अपरिग्रह आदि है. 11 दिनों तक व्यक्ति को इन 5 चीजों का पालन करना होगा. 

11 दिनों तक इन चीजों का पालन करेंगे पीएम मोदी

अनुष्ठान नियमों के अनुसार, 11 दिनों तक प्रधानमंत्री को नियमित इन नियमों का पालन करना होगा. इनमें पहला नियम सुबह उठते ही स्नान करना है. इसके साथ ही बाहरी खानपान के साथ ही क्रोध, अंहकार और धुम्रपान का त्याग करना होगा. इस दौरान झूठ बोलने से बचना है. किनी भी कठिनाई आये व्यक्ति को सत्य वचन बोलने चाहिए, अन्यथा मौन रहना उपयोगी है. इस दौरान व्यक्ति को मन में सिर्फ सद विचार आध्यात्म का चिंतन करना जरूरी है. 

अनुष्ठान में व्यक्ति को भूलकर नहीं करने चाहिए ये काम

जो भी व्यक्ति अनुष्ठान लेता है. उसे 11 दिनों तक जमीन पर ही सोना पड़ता है. जमीन पर कंबल डाल सकते हैं. इसके साथ आचार्य और ब्राह्मणों से झगड़ा या उन्हें उल्टा जवाब देने से बचना चाहिए. इस व्रत को रखने वाले पुरुष सिले हुए कपड़े नहीं पहन सकते हैं. वहीं महिलाएं लहंगा और चोली जैसे वस्त्र ही पहन सकती हैं. 

ऐसा रखना होगा खानपान

अनुष्ठान करने वाले व्यक्ति को 11 दिनों तक अपने खानपान का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. नियमों के तहत ही खानपान करना चाहिए. इसमें तामसिक भोजन के के साथ ही हल्दी, उड़द की दाल, मूली, लहसुन, प्याज, तेल, अंडा, मास, चावल, चना, भुजिया और गुड़ का ग्याहर दिनों तक त्योग करना होगा. दोपहर के समय ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद ही खुद भोजन ग्रहण कर सकते हैं. इस दौरान खाट या बेड पर बैठना भी सख्त मना होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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