डीएनए हिंदी: भगवान खाटू श्याम जी (Baba Khatu Shyam Ji) के लिए फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. इस दिन भगवान बर्बरीक ने श्रीकृष्ण (Shree Krishna) को अपना शीश काटकर दान कर दिया था. दरअसल, भगवान बर्बरीक एक बहुत ही शक्तिशाली योद्धा थे. वह महाभारत युद्ध के सभी योद्धाओं पर वह अकेले ही भारी थे.
उन्होंने कमजोर पक्ष की ओर से युद्ध करने का फैसला लिया था. श्रीकृष्ण (Shree Krishna) को जब यह पता चला तो उन्होंने सोचा की अगर बर्बरीक ने कौरवों की तरफ से युद्ध किया तो पांडवों की हार हो जाएगी. ऐसे में श्रीकृष्ण (Shree Krishna) ने ब्रह्माण बनकर उनका शीश दान में मांग लिया था. शीश दान के बाद ही श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि कलयुग में तुम्हें मेरे नाम से पूजा जाएगा. राजस्थान में खाटू श्याम (Khatu Shyam Mela) के शीश दान के दिन पर मेला लगता है. तो चलिए इस साल खाटू श्याम मेले (Khatu Shyam Mela) से जुड़ी खास बातें जानते हैं.
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खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने जहां पर बर्बरीक का कटा हुआ शीश रखा था. वहां पर आज खाटू श्याम बाबा का मंदिर है. यह मंदिर राजस्थान के शेखावटी के सीकर में है. श्रीकृष्ण के कलयुग के अवतार बाबा खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने खाटू श्याम को आशीर्वाद दिया था कि जो सब जगह से हार जाएगा तुम उसके सहारे बनोगे. यहीं वजह है कि खाटू श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है.
खाटू श्याम मेला (Khatu Shyam Mela)
श्याम बाबा के दरबार राजस्थान के सीकर जिले में फाल्गुन माह की शुक्ल प्रतिपदा को भव्य मेला लगता है. खाटू श्याम बाबा के इस मेले में बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कैलेंडर के हिसाब से खाटू श्याम के मेले का आयोजन 22 फरवरी से हो रहा है और ये 4 मार्च तक रहेगा .
राजस्थान के सीकर में लगने वाले इस मेले में आप जा सकते हैं. यहां पर इस दिन लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. मेले में आप ट्रेन, बस और हवाई जहाह से पहुंच सकते हैं. प्लेन से जाने के लिए आपको जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट पर पहुंचना होगा.
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