डीएनए हिंदी: Singh Sankranti 2022-17 अगस्त को देशभर में भगवान श्री विष्णु के उग्र रूप भगवान नरसिंह की पूजा की जाएगी. इस दिन को सिंह संक्रांति 2022 के रूप में जाना जाता है. भादो मास के संक्रांति के दिन नरसिंह भगवान की पूजा के साथ-साथ भगवान सूर्य देव (Lord Surya) की पूजा भी की जाती है. हर माह सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं. 17 अगस्त (Simha Sankranti 2022 Date) को भी सुबह 7:14 पर वह कर्क राशि से निकलकर अपनी स्वराशि सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. इस राशि परिवर्तन से सभी राशि के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा. शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान, दान और घी का सेवन करने से भक्तों को बहुत लाभ होता है. आइए जानते हैं क्या है सिंह संक्रांति का महत्व और क्यों किया जाता है इस दिन भी का सेवन.
सिंह संक्रांति का महत्व (Singh Sankranti 2022 Importance)
हिंदू वेदों में बताया गया है कि संक्रांति के दिन व्यक्ति को पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को धन, वैभव, यश, बल, बुद्धि की प्राप्ति होती है. सिंह संक्रांति का प्रचलन दक्षिण भारत में अधिक है. मान्यता है कि भादव माह के इस पर्व पर भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की उपासना करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ इस दिन भगवान सूर्य को भी विधिवत पूजा करने से और उन्हें अर्घ्य देने से सभी गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है.
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सिंह संक्रांति विशेष उपाय (Singh Sankranti 2022 Upay)
बता दें कि सिंह संक्रांति को घी संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. वह इसलिए क्योंकि इस दिन घी का सेवन किया जाता है. आयुर्वेद में भी गाय के घी का सेवन सेहत के लिए सबसे फायदेमंद बताया गया है. सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से कुंडली में राहु-केतु के द्वारा पड़ रहे अशुभ प्रभाव कम किए जा सकते हैं. साथ ही घी का सेवन करने से ऊर्जा, तेज, बुद्धि और स्मरण शक्ति में बढ़ोतरी होती है. इससे आत्म बल और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है. शास्त्रों के अनुसार भादो मास के दौरान सूर्य देव को जल अर्पित करने से व्यक्ति को उत्तम लाभ होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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