Somvati Amavasya 2023: फाल्गुन माह की अमावस्या पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें पूजा मुहूर्त और शुभ संयोग का समय

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 09, 2023, 11:41 AM IST

सोमवती अमावस्या 2023

Somvati Amavasya 2023: अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ होते हैं इस दिन स्नान-दान से पितृ दोष दूर होते हैं और पितृ के आशीर्वाद से घर में खुशहाली आती है.

डीएनए हिंदी: पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या (Amavasya 2023)  होती है. हिंदू धर्म में इस तिथि का खास महत्व होता है. इस महीने फाल्गुन माह की अमावस्या आने वाली है. अमावस्या (Amavasya 2023) तिथि के स्वामी पितृ होते हैं इस दिन स्नान-दान करने से पितृ दोष दूर होते हैं और पूर्वजों के आशीर्वाद से घर परिवार में खुशहाली बनी रहती है. अमावस्या (Amavasya 2023) पर स्नान दान से कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) से भी मुक्ति मिलती है.

फाल्गुन माह की अमावस्या (Phalguna Amavasya 2023) बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि यह सोमवार के दिन पड़ रही है. सोमवार को होने के कारण यह सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) होगी. सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) को बाकि सभी अमावस्या से खास माना जाता है. इतना ही नहीं इस अमावस्या पर कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं. इन सभी कारणों से इस सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) का महत्व और भी अधिक बढ़ जाएगा. तो चलिए सोमवती अमावस्या और इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में जानते हैं.

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सोमवती अमावस्या 2023 (Somvati Amavasya 2023)
हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या की शुरूआत 19 फरवरी की शाम को 4 बजकर 21 मिनट से हो जाएगी. अमावस्या तिथि का समापन अगले दिन 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर होगा. सूर्योदय तिथि को महत्व देते हुए अमावस्या सोमवार 20 फरवरी को मनाई जाएगी. सोमवती अमावस्या पर स्नान दान का मुहूर्त 20 फरवरी को सुबह 7 बजे से 8 बजकर 25 मिनट तक होगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 50 मिनट से 11 बजकर 15 मिनट तक होगा. 

सोमवती अमावस्या शुभ योग 2023 (Somvati Amavasya Shubh Yog 2023)
अमावस्या का दिन श्राद्ध की रस्मों और पूर्वजों की आत्मा तृप्ति के लिए शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या पर तर्पण और पूजा का फल और भी अधिक मिलता है. इस साल की सोमवती अमावस्या और भी अधिक खास है क्योंकि इस दिन शिव योग बन रहा है. सोमवार का दिन शिव जी को समर्पित होता है और यह योग भी शिव भगवान के लिए ही है. फाल्गुन माह की सोमवती अमावस्या पर भोलेनाथ की पूजा, मंत्र जाप, तप करने से घर में सुख समृद्धि आएगी. सोमवती अमावस्या पर शिव योग का समय 20 फरवरी को सुबह 11 बजकर 3 मिनट से 21 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. 

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सोमवती अमावस्या पर करें ये काम
- सोमवती अमावस्या पर दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से शिवलिंग का रूद्राभिषेक करना चाहिए. 5 बार गायंत्री मंत्र की माला का जाप करें.
- इस दिन चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करें और 108 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें. 
- सोमवती अमावस्या को कच्चा सूत का धागा लपेटते हुए पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें 5 तरह के फलों का भोग लगाएं. इन उपायों को करने से आपकी आर्थिक समस्याएं दूर होंगी. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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