डीएनए हिंदी: Kans Vadh Kab Hua, Kartik Shukla Paksha Dashami- कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था, आज यानी 3 नवंबर को दशमी है. कृष्ण का पूरा जीवन लीलाओं से भरा हुआ है लेकिन कंस वध की घटना उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है. आईए जानते हैं कैसे कंस का वध हुआ था और क्या है इसके पीछे कहानी
कंस को इस भविश्यवाणी का डर था, जिसमें यह कहा गया था कि देवकी के 8वें पुत्र द्वारा ही उनका वध होगा,भविश्यवाणी को सुनकर कंस वौखला गए थे और वो अपनी ही बहन देवकी और उनके पति वसुदेव को कारागृह में डाल दिया, कंस ने एक-एक करके देवकी और वसुदेव के 7 बच्चों की हत्या कर दी. भगवान कृष्ण का जन्म 8वें नंबर पर हुआ और भविष्यवाणी के कारण कंस उनकी भी हत्या करना चाहते थे, लेकिन विधि का विधान कुछ ओर ही था और कृष्ण ने भगवान का स्वरूप लेकर धरा पर जन्म लिया
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श्रीकृष्ण के जन्म की कहानी भी अद्भूत है. उनके जन्म के वक्त जिस कारागृह में उनके माता-पिता को बंदी बना कर रखा गया था उसके द्वार अपने आप खुल गए और सभी सैनिक सो गए. कृष्ण के पिता वासुदेव ने बालकृष्ण को नंदबाबा के यहां भारी बारिश में नदी को पार कर सफलता पूर्वक पहुंचा दिया
कहानी में मोड़ तब आया जब श्रीकृष्ण जी के गोकुल में होने की खबर उसके मामा कंस को मिली,तब उसने उन्हें वहां ही मारने का प्रयास किया, कृष्ण को मारने के लिए कई असरों को भेजा गया लेकिन कृष्ण लीलाओं के आगे उनकी एक भी चाल सफल नहीं हुई. जब कृष्ण किशोरावस्था में पहुंचे तो कंस ने उन्हें अपनी नगरी मथुरा आने का निमंतृण दिया ताकी वह वहां पर उनका वध कर पाए. श्री कृष्ण ने जब उनकी नगरी में पैर रखा तभी कंस ने उन्हें मलयुद्ध के लिए निमंत्रण दिया. कृष्ण ने उनका न्योता स्विकार किया और इसी युद्ध में उन्होनें अपनी मामा कंस का वध कर दिया. भविशयवाणी सफल हुई और चारों ओर कृष्ण के नाम की जय-जय कार झूम गई
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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