डीएनए हिंदी: (Sunstone Wearing Benefits) हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की तरह ही रत्न शास्त्र की बड़ी मान्यता है. रत्न आपके हाथ या गले की सोभा को ही नहीं बढ़ाते, ये आपको ग्रहों के बुरे प्रभावों से भी बचाते हैं. भाग्य को जागृत कर जीवन में मुकाम हासिल करने में मदद करते हैं. यही वजह है कि कुछ रत्नों को धारण करना बेहद शुभ माना गया है. हाल ही में ग्रहों के राजा सूर्य ने राशि में परिवर्तन किया है. सूर्य वृश्चिक राशि से निकलर धनु राशि में पहुंच गये हैं. इसका शुभ और अशुभ प्रभाव 12 राशियों पर पड़ता है. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की उच्च स्थिति बनती है, ऐसे व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है, लेकिन जिसकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होते हैं. उसे दिन रात मेहनत करने के बाद भी हाथ खाली रह जाते हैं. जीवन में बाधाएं आती है.
अगर आप की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हैं. दिन रात की मेहनत के बाद भी पैसा नहीं आ रहा है. हर काम में बाधा उत्पन्न हो रही है, करियर से लेकर व्यापार में असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है तो सन स्टोन धारण कर सकते हैं. यह रत्न कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत करता है, जिससे व्यक्ति का भाग्य जागृत होता है. कामों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है. आइए जानते हैं इस रत्न की विशेषताएं, धारण करने के तरीके से लेकर इससे मिलने वाले लाभ तक...
सनस्टोन धारण करने से चमक जाता है सूर्य
अगर आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर स्थिति में हैं तो जीवन में कष्ट और बाधाओं से घिर जाता है. ऐसे में ज्येातिष की सलाह पर सनस्टोन धारण कर सकते हैं. यह रत्न हल्के पीले रंग का होता है. सनस्टोन माणिक का उपरत्न है. माना जाता है इस रत्न को धारण करने मात्र से सूर्य देव की स्थिति में बदलाव होता है. कुंडली में सूर्य स्ट्रोग पॉजिशन में आ जाता है, जिसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कष्ट और बाधाएं दूर होने लगती है. समाज में खूब मान सम्मान और धन की प्राप्ति होती है. मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
ये हैं सनस्टोन धारण करने के नियम
सनस्टोन को कभी भी यू ही धारण नहीं किया जाता है. इसके कई सारे नियम हैं. नियमों के अनुसार ही इस रत्न को धारण करने पर लाभ प्राप्त होते हैं. अगर आपको भी ज्योतिष ने सनस्टोन धारण करने की सलाह दी है तो चांदी, सोने या फिर प्लेटिनम की अंगूठी में लगवाकर पहन सकते हैं. इस रत्न को रविवार, सोमवार और गुरुवार के दिन ही धारण करना लाभकारी होता है. सनस्टोन को कभी भी अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए. इससे पहले अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल में शुद्ध करना जरूरी है. इसके बाद अंगूठी को भगवान के चरणों में रख दें. कुछ देर बाद इसे यहां से उठाकर अंगूली में धारण करें.
यह है सनस्टोन धारण करने के फायदे
सनस्टोन धारण करने से व्यक्ति के व्यक्तित्व से लेकर उसके भाग्य में बदलाव आते हैं. सेहत से लेकर मानसिक तनाव से मुक्ति मिल जाती है. व्यक्ति में लीडरशिप क्वालिटी अच्छी होती है. इसके अलावा व्यक्ति का किसी भी कार्य में मन लगता है. वह अंदर से प्रसन्न और नकारात्मकता से दूर हो जाता है. लोगों के वैवाहिक संंबंधों में प्यार बढ़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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