Border पर बने तनोट माता मंदिर पर बेअसर रहे थे पाकिस्तानी बम, Gadar 2 से फिर सुर्खियों में आया ये Mandir 

नितिन शर्मा | Updated:Aug 05, 2023, 11:48 AM IST

तनोट माता का मंदिर बॉर्डर पर स्थित है. 1965 व 1971 के बीच भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान मंदिर पर कई बम गिराए गए थे, लेकिन यह बम मंदिर पर गिरने के बावजूद उसका बाल भी बांका नहीं हुआ था. 

डीएनए हिंदी: भारत में कैसी ऐसे मंदिर और धार्मिंक स्थल हैं, जिनके पीछे कई सारी विशेषताएं, महत्व और शक्तियां छिपी हुई हैं, लेकिन इनकी जानकारी और पहचान लोगों तक नहीं पहुंच पाती. इसी पहचान से कभी ​वंछित था देश की सीमा से सटा तनोट माता मंदिर. इस मंदिर में मनोकामना पूर्ण होने के साथ ही माता बॉर्डर पर खड़े जवानों को बल देती है. इस मंदिर पर पाकिस्तान की तरफ से आने वाले बम और गोले भी बेअसर हो जाते हैं. मंदिर की विशेषताओं की पहचान आज से 21 साल पूर्व गदर फिल्म के आने पर हुई थी. अब गदर टू की ​सीक्वल आने पर फिल्म के साथ तनोट माता मंदिर भी सुर्खियों मं आ गया है. इसकी वजह सनी देओल का तनोट माता मंदिर में माता के दर्शन करने पहुंचना है. 

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दरअसल, तनोट माता का मंदिर जैसलमेर के भारत पाकिस्तान की सीमा पर बना हुआ है. बॉर्डर पर तैनात जवानों की माता पर बहुत आस्था है. जवान मंदिर में माता के दर्शन करने पहुंचते हैं. तनोट माता का मंदिर जैसलमेर से करीब 120 मीटर दूर बॉर्डर पर स्थित है. मंदिर का पता लगाने के बाद से देश भर से श्रद्धालु माता के दर्शन करने मंदिर पर पहुंचते हैं. तनोट को भाटी राजपूत राव तनुजी ने बसाया था और यहां पर ताना माता का मंदिर बनवाया था. बताया जाता है कि इस मंदिर को पाकिस्तानी तोड़ना चाहता थे. इसके लिए पाकिस्तान की ओर से मंदिर पर भारी भरकम बम गिराएं गए, लेकिन मंदिर पर इन बमों का कोई असर नहीं हुआ. सभी बम मंदिर पर गिरने के साथ बेअसर हो गए. 

इसबीच बढ़ी मंदिर की ख्याती

भारतीय बॉर्डर पर स्थित तनोट माता का मंदिर बहुत प्राचीन है. इसे रुमाल वाली देवी का मंदिर भी का जाता है. बताया जाता है कि 1965 व 1971 के बीच भारत पाकिस्तान में युद्ध के दौरान मंदिर पर गिराएं गए सभी बम बेअसर हो गए. इसी के बाद से मंदिर को ख्याती मिलनी शुरू हुई. मंदिर में जवानों का ताता लगा रहता था. इस बीच 21 साल पूर्व गदर की शूटिंग के दौरान मंदिर खासा सुर्खियों में आया था. इसके बाद से ही यहां अच्छी खासी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. तनोट माता मंदिर में आस्था रखने वाले भक्त मंदिर में रुमाल बांधकर मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु माता का आभार व्यक्त करने वापिस दर्शनार्थ के लिए आते हैं. 

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सनी देओल भी पहुंचे तनोट माता मंदिर

गदर फिल्म से बॉलीवुड में धुआं उड़ाने वाले सनी देओल भी तनोट माता में बड़ी श्रद्धा रखते हैं. उनकी पहली फिल्म के दौरान भी वह मंदिर पहुंचे थे. इसके बाद से मंदिर खासा सुर्खियों में रहता था. लोगों को मंदिर की विशेषताओं का पता लगा. एक बार फिर बुधवार को तनोट माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे, जिसके बाद मंदिर की चर्चा शुरू हो गई है. सनी देओल 11 अगस्त को अपनी आने वाली फिल्म गदर 2 की कामयाबी के लिए माता से मन्नत मांगने पहुंचे थे. जहां उन्होंने पूजा पाठ की. बताया जाता है कि भारत पाक युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों और सीमा सुरक्षा बल के जवानों की तनोट माता ने मां बनकर ही रक्षा की थी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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