डीएनए हिंदी: मंदिर से पूजा कर के आप लौटें और जब आपके जूते या चप्पल न मिलेंं तो मन परेशान जरूर हो जाता है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये चोरी अगर एक विशेष दिन और विशेष भगवान के मंदिर से हुई हो तो इसे शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ये चोरी आपके संकट को हरने वाली होती हैै.
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मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. जहां मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना एक आम बात मानी जाती है, वहीं ज्योतिष के अनुसार यह एक शुभ शकुन होता है. खासतौर पर तब जब शनिवार का दिन हो. इस दिन मंदिर से जूते-चप्पल गुम होने का मतलब है कि जल्द ही बुरे वक्त से मुक्ति मिलने वाली है और आपके ऊपर से दरिद्रता उतरने वाली है. आइए जानें कि शनिवार के दिन जूते-चप्पल गुम होना क्यों शुभ माना जाता है.
जानें कब और किस मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना है शुभ
- शनिदेव के मंदिर से अगर शनिवार के दिन जूते-चप्पल चोरी हो जाएं तो समझ लें आप पर आने वाली बाधांए दूर होने वाली हैं.
- शनि का वास पैरों में है, इस कारण पैरों से संबंधित होने के कारण जूते-चप्पल का शनि का ही कारक होते है. इसलिए अगर शनिवार को शनि के मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना शुभ होता है.
- बता दें कि शनि ग्रह की शांति के लिए चमड़े के जूते-चप्पल का दान दिया जाता है और ऐसे में चोरी होना और भी शुभ हेागा.
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- शनि के अशुभ होने से किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिलती, बल्कि बार-बार काम बिगड़ते रहते हैं. ऐसे में अगर मंदिर से जूते चोरी हो जाते हैं, तो इसका मतलब बिगड़े काम बनने वाले हैं.
- शनिवार को शनि मंदिरों में जूते-चप्पल भी छोड़कर आना भी शुभदायक माना जाता है और ये काले रंग के हों तो और अच्छा होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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