Vat Savitri Vrat 2024: महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ और देवी सावित्री की पूजा की जाती है. आज यानी 6 जून को वट सावित्री व्रत है. लेकिन वट सावित्री व्रत साल में एक नहीं बल्कि दो बार रखे जाते हैं. पहला वट सावित्री व्रत आज है तो दूसरा व्रत (Vat Savitri Puja) कब रखा जाएगा चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
पहला वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. यह व्रत आज है. यह तिथि 5 जून की शाम को 7ः54 से शुरू हुई है जो 6 जून को शाम 6ः07 पर समाप्त होगी. ज्येष्ठ अमावस्या के अलावा ज्येष्ठ माह में ही दूसरा वट सावित्री व्रत रखा जाता है.
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दूसरा वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ माह में दूसरा वट सावित्री व्रत शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखा जाएगा. इस व्रत को वट पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. ज्येष्ठ माह में पूर्णिमा तिथि 21 जून को है. इस दिन वट पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा.
वट व्रत का महत्व
वट सावित्री के व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. यह व्रत महिलाएं अपने जीवनसाथी की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं. अब 21 जून को वट पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा. बता दें कि, ज्येष्ठ अमावस्या पर व्रत उत्तर भारत में रखा जाता है. वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण राज्यों में वट व्रत पूर्णिमा को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत करती हैं और पतिव्रता सावित्री और सत्यवान की कथा सुनती हैं. सावित्री ने अपनी श्रद्धा और संकल्प से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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