Mangla Gauri Vrat 2024: कल है सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत, विवाह बाधाओं को दूर करने के लिए करें उपाय

Written By Aman Maheshwari | Updated: Aug 05, 2024, 11:46 AM IST

Mangla Gauri Vrat 2024

Third Mangala Gauri Vrat: 6 अगस्त को सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. मां गौरी की पूजा के बाद मंगला गौरी की आरती जरूर करें.

Mangala Gauri Vrat Upay: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. सावन में सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है. सावन सोमवार को व्रत (Sawan Somwar 2024) करते हैं. इसी तरह मंगलवार का दिन मां गौरी की पूजा के लिए विशेष होता है. मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है.

अब 6 अगस्त को सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत (Sawan Mangala Gauri Vrat) है. इस दिन मां गौरा और भगवान शिव की पूजा से घर में सुख शांति बनी रहती है. जिनके विवाह में देरी हो रही है वह इस व्रत (Mangala Gauri Vrat Puja Vidhi) को अवश्य करे. मंगला गौरी व्रत से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.

मंगला गौरी पूजा विधि

व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें. घर की साफ-सफाई कर चौकी लगाकर लाल कपड़ा बिछाएं. मां पार्वती और शिव जी की प्रतिमा स्थापित कर  भगवान को अक्षत, कुमकुम, फूल और फल अर्पित करें. मां पार्वती के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें. पूजा के बाद आरती करें और भोग लगाएं.


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विवाह बाधाएं दूर करने के लिए उपाय

- कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर होने पर विवाह में देरी होती है. मंगला गौरी व्रत के दिन गरीब और किसी जरूरतमंद को मसूर दाल और लाल रंग के वस्त्र दान में दें. ऐसा करने से मंगल की स्थिति मजबूत होगी और जल्द विवाह के योग बनेंगे.

- विधि विधान से मां मंगला गौरी और शिव जी की पूजा करें. पूजा के दौरान 'ॐ गौरी शंकराय नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें. इससे मंगल दोष दूर होगा ऐसे में शीघ्र विवाह हो सकता है.

- जिस लड़की का विवाह नहीं हो रहा है उसे मंगला गौरी व्रत के दिन मां पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करना चाहिए. इससे विवाह के योग बनेंगे.

मां मंगला गौरी की आरती 

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता, जय मंगला गौरी...

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता, जय मंगला गौरी...

सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था, जय मंगला गौरी...

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता, जय मंगला गौरी...

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता, जय मंगला गौरी...

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता, जय मंगला गौरी...

देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता, जय मंगला गौरी...

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता.

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता..

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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