Tilak Rules: माथे पर तिलक लगाने के ये हैं नियम और धार्मिक महत्व, जानें कौन सी उंगली से तिलक करना होता है शुभ

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 25, 2024, 02:08 PM IST

सनातन धर्म में पूजा अर्चना से लेकर किसी भी शुभ कार्य पर माथे पर तिलक लगाने का बड़ा महत्व है. यह बेहद शुभ होता है. वहीं माथे पर अलग अलग उंगली तिलक करने का संबंध और अर्थ भी अलग होता है.

Rules Of Tilak: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा अर्चना के समय माथे पर तिलक लगाया जाता है. यह तिलक कुमकुम, हल्दी या फिर चावल का भी हो सकता है. सनातन धर्म में तिलक लगाने का अपना खास महत्व होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि जितना तिलक लगाने को खास माना जाता है. उतना ही किसी उंगली से तिलक किया जा रहा है. यह भी निर्भर करता है. विशेषज्ञों की मानें तो तिलक लगाने के लिए अनामिका, तर्जनी और मध्यमा उंगली के अलावा अंगूठे का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें उंगली और अंगूठे का इस्तेमाल अलग अलग अवसर हिसाब अनुरुप किया जाता है. 

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि तिलक लगाने की परंपरा बहुत ही पुरानी है. तिलक लगाने के लिए जिस उंगली का इस्तेमाल करते हैं. यह देखा जाता है कि किस उंगली से कौन से भगवान से संबंध है. इतना ही नहीं इनका संबंध मन और मस्तिष्क के साथ भी होता है.  

अंगूठे से तिलक का अर्थ

अंगूठे से तिलक लगाना शक्ति, सफलता और विजय के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है. यह अंगूठे से लेकर शक्ति और इच्छाशक्ति का प्रतीक है. किसी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पूर्व अंगूठे से माथे पर तिलक लगाया जाता है. 

तर्जनी उंगली

किसी भी जीवित व्यक्ति का तिलक करने के लिए तर्जनी उंगली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस उंगली से सिर्फ मृतक या फिर श्रद्धांजलि देने के दौरान ही तर्जनी उंगली का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी वजह तर्जनी का मोक्ष या मुक्ति से संबंध होना है. खासकर तर्पण विधि या मृत्यु संस्कार में इसका प्रयोग किया जाता है. इसलिए कभी खुद को या किसी अन्य को तिलक लगाते समय तर्जनी उंगली का इस्मेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए. 

मध्यमा उंगली

मध्यमा उंगली सभी नौ ग्रहों में शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है. इस उंगली से तिलक करने पर व्यक्ति जीवन में स्वास्थ्य, धन और समृद्धि पाता है. बड़े-बुजुर्ग आमतौर पर घर के बच्चों को मध्यमा से तिलक लगाकर दीर्घायु और सुरक्षा की कामना करते हैं.

अनामिका उंगली

अनामिका उंगली का भक्ति और प्रतिबद्धता से संबंध है. इसलिए मंदिर से लेकर भोजन में इसका इस्तेमाल किया जाता है. अनामिका उंगली से तिलक लगाने में व्यक्ति को शांति, मानसिक स्थिरता, बुद्धि के बिंदुओं को बेहतर बनाता है. यह बौद्धिक सफलता प्रदान करती है. इसकी वजह अनामिका उंगली का सूर्य देव को प्रतिनिधित्व करना है. यह उंगली माथे पर स्थित आज्ञा चक्र को जागृत करती है. इसी वजह से माथे पर तिलक या कुमकुम लगाने के लिए अनामिका का इस्तेमाल करना अच्छा होता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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