डीएनए हिंदीः आज उगते सूर्य को अर्घ्य 31 अक्टूबर 2022, सोमवार चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे का व्रत संपन्न हो गया. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती आज दिन के वक्त पारण करेंगे. आज के दिन हर किसी को सूर्य को अर्घ्य देते हुए कुछ मंत्रों का जाप जरूर कर लेना चाहिए.
छठी मईया और सूर्यदेव की उपासना का महापर्व उगते सूर्य को जल के साथ संपन्न होता है. उगते सूर्य को जल देने का महत्व बहुत माना गया है. तो चलिए जानें कि सोमवार सूर्योदय का समय कब है और किन मंत्रों का जाप आज के दिन जरूर करना चाहिए.
सुबह 06:32 बजे उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य सुबह 06.32 बजे दिया जाएगा. सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से सुख समृद्धि और आरोग्यता की कामना की जाएगी.
छठ पूजा करते समय सूर्य के इन नामों का जाप करें-
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:
डूबते सूर्य को अर्घ्य
डूबते सूर्य को अर्घ्य - फोटो : अमर उजाला
सूर्यदेव मंत्र
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते।।
सूर्य जल
सूर्य जल
अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
उगते हुए सूर्य को क्यों दिया जाता है अर्घ्य?
सूर्य को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. अर्घ्य में सूर्य देवता को जल, दूध अर्पित किया जाता है. सूर्य संपूर्ण ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करता है. सूर्य को जल देने के कई फायदे हैं. माना जाता है कि सूर्य को अर्घ्य देने से सौभाग्य बना रहता है. सूर्य को निडर और निर्भीक ग्रह माना जाता है. इसी आधार पर सूर्य को अर्घ्य देने वाले श्रद्धालुओं को भी यह गुण प्राप्त हो जाता है. इसके अलावा कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. सूर्य में अर्घ्य देने से शनि की बुरी दृष्टि का प्रभाव भी कम होता है. सूर्य देवता को अर्घ्य देने का असर बुद्धि पर पड़ता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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