डीएनए हिंदीः माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं और शनिवार के दिन होने के कारण इसे शनिचरी अमावस्या भी कहते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार बताती हैं कि माघ माह की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन पितरों को खुश करने के लिए कुछ काम जरूर करना चाहिए.
इसे आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण दिन माना जाता है.इस अमवस्या के दिन पितृदोष से मुक्ति का उपाय उन लोगों को और भी करनी चाहिए जिनपर पितदोष हो या जिनके घर में नकरात्मक उर्जा ज्यादा रहती हो. अमावस्या पर पितरों की शांति बहुत जरूरी होती है.
कल है साल की पहली मौनी अमावस्या, जानें स्नान-दान लेकर शुभ मूहूर्त और महत्व तक सब
मौनी अमावस्या आज सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर शुरू होकर 22 जनवरी, रविवार को सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. सुबह स्नान आदि कर दान करें और दोपहर के समय पितरों का तर्पण करें. पितरों को लदक्षिण दिशा में मुख कर जल दें और जल में काला तिल और अक लाल फूल डाल दें. तो चलिए जानें माघ माह की इस अमावस्या पर क्या उवाय करें.
1. माघ माह की मौनी अमावस्या में पितरों के निमित्त तर्पण करना ज्यादा अच्छा होता है.यह दिन पितरों की पूजन और पितृ दोष निवारण के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.इस दिन लोग पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं.पितृ दोष दूर करने के लिए अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और मिठाई अर्पित करें.
2. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोगों को मौन रहकर पूजा-अर्चना करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है.
3. मान्यता है कि, मौनी अमावस्या के दिन संगम तट और गंगा में स्वयं देवी-देवताओं का वास रहता है.ऐसे में इस दिन इन दोनों जगहों पर स्नान करना बहुत ही पुण्यदाई होता है.
4. मौनी अमावस्या के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ती होती है.स्नान के बाद तिल से बनी हुई वस्तुएं जैसे तिल के लड्डू, तिल का तेल या तिल, आंवला, कंबल, गर्म वस्त्र, इत्यादि चीजें किसी गरीब को दान कर दें.
5. इस दिन भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं और भगवान को अर्पित करें.इस दिन विष्णु आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
6. मौनी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करके कच्चा सूत बाधें और पीपल के वृक्ष पर कच्चा दूध चढ़ाएं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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