Sheetala Puja : आज है शीतला अष्टमी पर पूजा जाएगा बसोड़ा, जानें शीतला पूजा का महत्व

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 14, 2023, 09:33 PM IST

शीतला पूजा 2023

Sheetala Puja 2023: चैत्र माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी को शीतला अष्टमी के रूप मनाते हैं.

डीएनए हिंदी: चैत्र माह में शीतला माता की विशेष रूप से पूजा (Sheetala Puja 2023) की जाती है. शीतला माता (Sheetala Mata) की पूजा चैत्र माह के कृष्ण पक्ष सप्तमी और अष्टमी तिथि को की जाती है. इन सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी (Sheetla Saptami 2023) और अष्टमी को शीतला अष्टमी (Sheetla Ashtami 2023) के रूप मनाते हैं. शीतला माता की पूजा से कई सारी परंपराएं जुड़ी हुई हैं.

मान्यताओं के अनुसार इस दिन शीतला माता (Sheetala Mata) को बासी या ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है. परंपरा के ठंडे भोजन का भोग लगाने के बाद इसे ही खाया भी जाता है. शीतला माता की पूजा (Sheetala Puja 2023) की इन परंपराओं के पीछे कई तथ्य छिपे हुए हैं. तो चलिए शीतला माता की पूजा (Sheetala Puja 2023) कब हैं और इससे जुड़ी खास बातों के बारे में जानते हैं.

शीतला माता पूजा (Sheetala Puja 2023)
शीतला माता की पूजा चैत्र माह की सप्तमी और अष्टमी तिथि को की जाती है. इस बार यह तिथि 14 और 15 मार्च को पड़ रही हैं. यानी आज और कल शीतला माता की पूजा की जाएगी. शीतला सप्तमी (Sheetla Saptami 2023) की पूजा आज यानी 14 मार्च को होगी और कल यानी 15 मार्च को शीतला अष्टमी (Sheetla Ashtami 2023) का पर्व मनाया जाएगा. शीतला पूजा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा करनी चाहिए. इस दिन गंगा या पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए यदि ऐसा संभंव नहीं है तो पानी में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए.

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चैत्र माह में ही होती हैं शीतला पूजा (Sheetala Puja 2023)
चैत्र महीने को दो ऋतुओं का संधिकाल महीना माना जाता है. इस महीने में शीत ऋतु की समाप्ति के साथ ही ग्रीष्म ऋतु की शुरूआत होती है. यह समय लोगों में बीमारियों के खतरे का समय होता है. मौसम बदलने की वजह से लोगों को काफी परेशानियां होती है. इस समय लोगों को शीत यानी सर्दी से संबंधित बीमारियां हो जाती हैं. शीतला देवी को शीत की देवी मानते हैं ऐसे में मान्यता है कि शीलता देवी की पूजा करने से शीत संबंधित रोग नहीं होते हैं.

ठंडे खाने का भोग लगाने का कारण (Thande Khane Ka Bhog Lagane Ka Karan)
शीतला माता को ठंडी प्रवृति की देवी माना जाता है इसलिए उन्हें ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है. हालांकि ऐसा माना जाता है कि इस मौसम में ठंडा खाना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. इसी वजह से पूर्वजों ने ठंडे खाने का भोग लगाने और इसे खाने की परंपरा बनाई.

चिकन पॉक्स को मानते हैं माता शीतला के रूप (Why Is Chicken Pox Considered As Goddess)
चिकन पॉक्स की बीमारी को देवी शीतला माता से ही जुड़ा हुआ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी शीतला के प्रकोप से ही ये बीमारी होती हैं. चिकन पॉक्स में इंसान के पूरे शरीर पर फोड़े-फूंसी हो जाती हैं जिससे घाव बन जाते हैं. इन फोड़े फूंसी में खुजली भी होती हैं. चिकन पॉक्स को माता निकलना भी कहते हैं. चिकन पॉक्स शीतला माता के प्रकोप की वजह से होता है. इस बीमारी में शरीर को ठंडक की जरूरत होती है इसलिए माता शीतला की विषेश रूप से पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि शीतला मां की कृपा से व्यक्ति जल्दी ठीक हो जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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