Toe Ring Benefits: शादीशुदा महिलाएं क्यों पहनती हैं पांव में बिछिया, जानिए इसका धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक वजह

Written By नितिन शर्मा | Updated: Apr 25, 2024, 12:14 PM IST

शादी के बाद महिलाओं को 16 श्रृंगार के साथ ही पांव की उंगलियों में बिछिया (Toe Ring Wearing Benefits) पहननी होती है. इसका बड़ा धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है. आइए जानते हैं इसके क्या क्या लाभ होते हैं.

Toe Rings Wearing Benefits : शादी के बाद महिलाओं को श्रृंगार के साथ ही पैरों की बिछिया पहननी होती है. यह उनकी सुंदरता में चार चांद लगाती है. हालांकि पैरों में बिछिया नहीं दिखाई देने पर भी, इन्हें पहनना बेहद जरूरी होता है. महिलाएं जल्दी से इन्हें बदलती भी नहीं है. ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर पांव की बिडिया क्यों पहनी जाती है. इसके पीछे की वजह धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही है. आइए जानते हैं कि महिलाएं बिछिया क्यों पहलती हैं और इसके क्या फायदे हैं. 

शादीशुदा महिलाओं के ​बिछिया पहनने की वजह

सनातन धर्म में शादी के बाद महिलाओं का पैरों की दो उंगलियों में बिछिया पहनने का बड़ा महत्व है. इसके पीछे की वजह महिलाओं का शारीरिक लाभ और परंपरा से है. माना जाता है कि पैराकें में बिछिया पहनने से जीवन में सुख शांति आती है. पैरों में दूसरी और तीसरी उंगली बिछिया पति पत्नी के दांपत्य जीवन में सुख को आकर्षित करती है. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. नकारात्मकता कम होती है और सुख व शांति बढ़ती है. वहीं बिछिया चांदी की ही होती है. इसका कारण चंद्रमा से जुड़ा है. चंद्रमा चांदी का का कारक होता है. ऐसे में चांदी की बिछिया धारण करने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है. ग्रह भी सही बने रहते हैं. मन शांत रहता है. 

बिछिया पहनने का वैज्ञानिक महत्व

बिछिया पहनने वैज्ञानिक महत्व भी कई सारे हैं. इसे पहनने से स्ट्रेस कम होता है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इससे महिलाओं में थायराइड की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है. चांदी की प्रकृतिक रूप से ठंडी होती है. ऐसे में बिछिया धारण करने से गर्मी और तापमान से छुटकारा मिल जाता है. पैरों की तीन उंगलियों में बिछिया पहनने से दिल और गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. महिलाओं में प्रजन्न क्षमता बढ़ती है. हार्मोन सिस्टम दुरुस्त होता है. यह एक्यूमप्रेशर का काम करता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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