कछुए की अंगूठी धारण करने से पहले जान लें ये 5 नियम, अनदेखी करने पर बर्बाद हो सकता है जीवन

Written By नितिन शर्मा | Updated: Sep 04, 2023, 02:09 PM IST

इस अंगूठी को पहनने से आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती है. मां लक्ष्मी की असीम कृपा होती है. वहीं कुछ लोग कछुए की अंगूठी को गलत तरीके से और गलत ढंग उंगली में धारण कर लेते हैं.

डीएनए हिंदी: ज्योतिष में कछुए की अंगूठी धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस अंगूठी को पहनने से आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती है. मां लक्ष्मी की असीम कृपा होती है. वहीं कुछ लोग कछुए की अंगूठी को गलत तरीके से और गलत ढंग उंगली में धारण कर लेते हैं. इससे पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं हो पाती. अगर आप भी कर्ज और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं तो कछुए की अंगूठी को सही तरीके से धारण कर लें. आइए जानते हैं कछुए की अंगूठी को धारण करने का सही नियम और मिलने वाले लाभ... 

कछुए की अंगूठी धारण करने के ये हैं नियम

-कछुए की अंगूठी को धारण करने से पहले उसकी शुद्धि कर लें. इसके लिए दूध और गंगाजल में कछुए की अंगूठी को कुछ घंटों के लिए डुबोकर रख दें. 

-कछुए की अंगूठी को शुद्ध करने के बाद माता लक्ष्मी को चढ़ाए. इसके बाद माता की पूजा अर्चना करने के बाद इस अंगूठी को धारण करें. 

-गुरुवार या शुक्रवार के दिन इस अंगूठी को धारण करना चाहिए. इसकी वजह गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है और शुक्रवार को मां लक्ष्मी की कृपा होती है. 

-कछुए की अंगूठी को सीधे हाथ की तर्जनी यानी पहली उंगली या फिर मध्यमा बीच की उंगली में धारण करना चाहिए. 

-कछुए की अंगूठी को धरण करते समय मुख् आपकी ओर होना चाहिए. 

-चांदी की बनी हुई कछुए की अंगूठी की धारण करना बेहद शुभ माना जाता है. इसे जीवन में चल हरी आर्थिक परेशानियां भी दूर हो सकती है. 

इस दिन करें धारण

गुरुवार के दिन इस अंगूठी को शुद्ध करने के बाद मां लक्ष्मी जी के चरणों में चढ़ाएं. इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की विधिवत पूजा करें. इसके बाद अगले दिन शुक्रवार को माता लक्ष्मी की अंगूठी को धारण कर लें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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