डीएनए हिंदी: दुश्मनों और उनकी चाल को मात देने के लिए लाल किताब में कई अचूक उपाय हैं. इन उपायों और मंत्रों के जाप से आप उन्हें आसानी से मात दे सकते हैं. यहां आपको शत्रुनाश के उपाय, मंत्र, विधि और दिन के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
याद रखें लाल किताब के उपाय उन्हीं पर काम करते हैं जो सही और सच्चे होते हैं. इसलिए अगर आप किसी नेक इंसान को परेशान करने के लिए मंत्रों का दुरुपयोग करते हैं तो उसका उल्टा असर होता है.
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शत्रुनाश के मंत्र की शुरुआत कब से करें
शत्रु नाश के लिए अमावस या कृष्णपक्ष की अष्टमी का दिन बेहतर बताया गया है, लेकिन गुरुवार व शनिवार के दिन इसकी शुरुआत करनी चाहिए.शत्रु का असर पूरी तरह से समाप्त करने के लिए मंत्र उच्चारण करने के पूर्व एक सादे सफेद कागज पर लाल रंग स्याही से शत्रु का नाम लिखना चाहिए.
इन मंत्रों का करें जाप
ऊं क्षों क्षों भैरवाय नम: मंत्र का जप करें. ये मंत्र का जप शनिवार या गुरुवार को दोपहर 1 बजे से घर में शुरू करें या भैरव मंदिर में भी कर सकते हैं. इस मंत्र की 21 दिन तक एक माला प्रतिदिन करना चाहिए. इसके बाद कागज को शहद की शीशी में रखकर भैरव मंदिर में मुर्ति के पीछे गाड़ दें.
Shatru Nashak गायत्री मंत्र
कोई दुश्मन लगातार काम में बाधा डालता है तो सुबह सूर्य उदय के पूर्व एक हरा नींबू लें और दुश्मन का नाम लेकर चार बराबर भाग काट कर उसे 108 बार गायत्री मंत्र का जप करते हुए किसी चौराहें पर चारों दिशा में फेंक दें.
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मां भद्रकालिका की करें पूजा
कालिका का विराट स्वरुप मां भद्रकालिका की पूजन से भी शत्रु नाश होता है. भद्रकालिका का रक्षास्त्रोत का पाठ करना चाहिए. इसके लिए अमावस्या की रात करीब 11 बजे नहाकर व साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले मां की पूजा करें. मां लाल वस्त्र, लाल सिंदूर, लाल फूल, चंदन, केसर व मिठाई के साथ सुहाग का सामान अर्पित करें.इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष के मोतियों की माला से इस मंत्र का जाप करें. अमावस्या पर इस मंत्र की 11 माला जाप शुरू करें व 21 दिन तक जप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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