डीएनए हिंदी: धार्मिक दृष्टि से तुलसी (Tulsi Plant) के पौधे का पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है. इसके अलावा आयुर्वेद में एक पौधे के रूप में तुलसी के पौधे को औषधीय गुणों (Tulsi Benefits In Ayurveda) से भरपूर बताया गया है. यही कारण है कि लगभग हर सनातनी के घर में तुलसी का पौधा जरूर लगाया जाता है और नियमित इसकी पूजा (Tulsi Puja) अर्चना की जाती है. औषधीय गुण की वजह से कई प्रकार की बीमारियों में इसका इस्तेमाल भी किया जाता है. वहीं, कुछ विशेष अवसर और पूजा पाठ में भी तुलसी की पत्तियों (Use Of Basil Leaves) का उपयोग किया जाता है. लेकिन, पूजा पाठ या अन्य कार्यों के लिए तुलसी के पत्तों को तोड़ने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
दरअसल शास्त्रों में तुलसी की पत्तियों को तोड़ने के कुछ नियम (Tulsi Ke Patte Todne Ke Niyam) बताए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है, वरना व्यक्ति को इसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
तुलसी की पत्ती तोड़ने के नियम
बिना स्नान के न तोड़ें पत्तियां
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को देवी माना जाता है, इसलिए कभी भी बिना स्नान के इसके पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए. इसके अलावा स्नान किए बिना तुलसी के पौधे पर पानी डालना भी वर्जित है.
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देवी की प्रार्थना कर पत्तियां तोड़ने की लें अनुमति
शास्त्रों की मानें तो तुलसी की पत्ती तोड़ने से पहले तुलसी माता से प्रार्थना करनी चाहिए और पहले उनसे पत्तियों को तोड़ने की अनुमति लेनी चाहिए.
इस तरह तोड़े पत्तियां
ज्यादातर लोग तुलसी की एक-एक पत्ती तोड़ते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. इसके लिए तुलसी के पौधे की किसी शाखा का जो सबसे अगला हिस्सा है उस पूरे हिस्से की पत्तियों को तोड़ें.
इस बात का रखें ध्यान
तुलसी के पौधे पर लगने वाले मंजरी का बहुत अधिक महत्व है. इसके अलावा मंजरी को सभी फूलों से बढ़कर माना जाता है. इसलिए मंजरी तोड़ते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उसमें पत्तियों का रहना आवश्यक है.
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सूर्यास्त के बाद न तोड़ें
तुलसी की पत्तियों को तोड़ते समय इस बात का भी ध्यान जरूर रखें कि कभी भी सूर्यास्त के बाद इन्हें न तोड़ें.
इसके अलावा ये हैं कुछ खास नियम
- तुलसी की पत्तियों को तोड़ते समय नाखून का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- तुलसी को हमेशा खुले स्थान पर रखें और शाम से वक्त उसमें दिया जलाना न भूलें.
- बिना किसी वजह के तुलसी की पत्तियों को न तोड़ें, ऐसा करने से आप पाप के भागीदार बनते हैं.
- तुलसी को हमेशा धार्मिक कार्यों या फिर किसी बीमारी के दौरान औषधि के रूप में ही उपयोग करें.
- तुलसी की सूखी पत्तियों पर कभी भी झाड़ू न मारे और न ही उन्हें कूड़े दान पर बहाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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