हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन मां तुलसी का विवाह शालिग्राम के साथ संपन्न हुआ था. हिंदू धर्म में शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है. ऐसे में तुलसी विवाह के दिन शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक तुलसी विवाह कराने से जातक के दांपत्य जीवन में आने वाली मुश्किलें खत्म हो जाती हैं. लड़कियों को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है. आइए जानते हैं तुलसी विवाह की तारीख से लेकर पूजन विधि और शुभ मुहूर्त...
तुलसी विवाह की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 12 नवंबर की शाम 4 बजकर 4 मिनट पर होगी. यह अगले दिन 13 नवंबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, तुलसी विवाह 13 नवंबर को मनाया जाएगा.
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
इस साल तुलसी विवाह 13 नवंबर को मनाया जाएगा. इस पर मां तुलसी की पूजा अर्चना करना बेहद शुभ होता है. इसके साथ ही तुलसी विवाह पर पूजा का शुभ मुहूर्त 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. इसमें मां लक्ष्मी और शालिग्राम की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होगी.
तुलसी विवाह का महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय माना गया है. मान्यता है कि जिस भी घर में मां तुलसी का पौधा होता है. वहां सदैव धन, समृद्धि का वास रहता है. तुलसी की रोजाना पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. वहीं तुलसी पूजा के दिन तुलसी माता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी परेशानियां और कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही पति-पत्नी के बीच प्यार और सम्मान बढ़ता. रिश्ता अटूट हो जाता है. तुलसी पूजा के दिन भगवान शालिग्राम को दूल्हा और माता तुलसी को दुल्हन की तरह पूरा श्रृंगार किया जाता है. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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