Tulsi Vivah At Home: घर पर कैसे करें तुलसी विवाह, किन चीजों के बगैर अधूरी है पूजा, नोट कर लें सामग्री की लिस्ट

सुमन अग्रवाल | Updated:Nov 01, 2022, 08:44 AM IST

Ghar पर कैसे करें तुलसी विवाह, किन चीजों की होगी जरूरत, घर पर पूजा और विवाह करने का विधान क्या है, सामग्री लिस्ट क्या है

डीएनए हिंदी: Tulsi Vivah At Home, Puja Samagri- दिवाली और छठ के बाद ही तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2022) की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. इस साल 5 नवंबर को तुलसी विवाह संपन्न हो रहा है. कई लोग मंदिर में जाकर और पंडित को बुलाकर विवाह पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है लेकिन जो लोग अपने ही घर पर तुलसी माता की पूजा करते हैं और उनका विवाह संपन्न करवाते हैं, उन्हें हम बताते हैं आसान विधि, कैसे घर पर विवाह करें और किन चीजों की जरूरत होगी

देव उठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2022) के दूसरे दिन तुलसी विवाह होता है. इस साल एकादशी 4 नवंबर को है और तुलसी विवाह 5 नवंबर को है. शाम के समय सारा परिवार तैयार होकर विवाह के लिए बैठ जाएं. तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर के बीच में रख दें. तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं. तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी भी चढ़ाएं. 

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सामग्री (Pujan Samagri) 

तुलसी और शालीग्राम के विवाह के दिन दोनों को बहुत अच्छे से सजाया जाता है. कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. विवाह और पूजन विधि-विधान से करने के लिए पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करें, वरना इन चीजों के बिना पूजा अधूरी ही रह जाएगी.  तुलसी विवाह पूजा में मंडप तैयार करने के लिए गन्ना का उपयोग करें. फिर इसके नीचे चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा, तुलसी का पौधा सजाएं. पूजा के लिए धूप, दीपक, वस्त्र, माला, फूल, सुहाग का सामान, लाल चुनरी, साड़ी, हल्दी, मूली, आंवला, बेर, शकरकंद, सिंघाड़ा, सीताफल, अमरूद और मौसमी फल आदि रखें.  

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तुलसी विवाह पूजा विधि (Puja Vidhi) 

तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरूर रखें. फिर घर के आंगन, छत या बालकनी को अच्‍छी तरह से साफ करके उसमें गन्‍ने से मंडप तैयार करें. कई लोग रोजाना तुलसी पर जल चढ़ाते हैं, शाम के समय भगवान श्रीहरि और माता लक्ष्‍मी के आगमन के लिए तुलसी विवाह से पहले रंगोली बनाएं. तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विधि-विधान से विवाह रचाएं. उनके फेरे करवाएं. घी के 11 दीपक जलाएं. गन्ना, अनार, केला, सिंघाड़ा, लड्डू, पतासे, मूली आदि मौसमी फल एवं नवीन धान्य आदि अर्पित करें. विवाह गीत गाएं. तुलसी के लिए मंत्र उच्चारण और आरती पाठ करें. ऐसा करने से श्रीहरि प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. 

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