उत्तराखंड (Uttarakhand) में चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) की शुरुआत हो चुकी है और इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. वहीं राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए सभी इंतजाम कर रखा है. लेकिन, मंदिर परिसर में रील बनाने या वीडियोग्राफी करने से अन्य श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मुख्य सचिव ने मंदिर परिसर में रील बनाने या वीडियोग्राफी करने वाले लोगों को रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसे सख्ती से लागू किया जाए.
क्या है फैसला
दरअसल, उत्तरखंड सचिव राधा रतूड़ी ने चार धाम मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में रील बनाने या वीडियोग्राफी करने पर पूरी तरह बैन लगाने का फैसला किया है. हालांकि मोबाइल रखने पर कोई रोक नहीं है. क्योकि इसी के जरिए लोग अपने परिजनों या परेशानी में पुलिस से संपर्क कर सकते हैं. ऐसे में कोई व्यक्ति दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य सचिव कहा कि कुछ लोग रील के जरिए भ्रम फैला रहे हैं और भ्रामक जानकारी के साथ रील बनाना एक अपराध है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आप आस्था के साथ यात्रा पर जा रहे हैं तो मंदिरों के पास रील बनाना गलत बात है. इससे यह भी लगता है कि आप आस्था के लिए नहीं आ रहे हैं और जो लोग आस्था के लिए यहां आ रहे हैं उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं.
लंबे समय से उठ रही थी मांग
वहीं बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस फैसले की सराहना की, उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार का बहुत अच्छा निर्णय है और हम लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं और दो-तीन साल से लगातार इस मुद्दे को उठा भी रहे हैं.
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