डीएनए हिंदीः भारत में देवभूमी उत्तराखंड में परियों (Uttarakhand Khait Parvat) का देश स्थित हैं. यहां पर ऐसी कई मान्यताएं है जिस कारण यहां मौजूद खैट पर्वत को परियों का देश (Pariyon Ka Desh) कहा जाता है. वैसे तो परियों की बातें सिर्फ किस्से कहानियों में ही सही लगी हैं लेकिन उत्तराखंड के गढ़वाल टिहरी में यह खैट पर्वत (Uttarakhand Khait Parvat) परियों का देश (Pariyon Ka Desh) है. दरअसल, यहां पर फैली स्थानिय किंवदंतियों के अनुसार इन टिहरी में खैट पर्वत (Uttarakhand Khait Parvat) पर आंछरी वास करती हैं. गढ़वाली भाषा में परियों का आंछरी कहा जाता है. बता दें कि, यह परियों के देश के नाम से जाना जाने वाला खैट पर्वत थात गांव के पास स्थित है.
गांव की रक्षा करती है परियां (Uttarakhand Khait Parvat)
खैट पर्वत के सबसे नजदीक थात गांव स्थित है. यहां पर आस-पास और भी कई गांव स्थित है ऐसी मान्याता है कि परियां इन सभी गावों की रक्षा करती हैं. स्थानिय लोगों का दावा है कि कई बार लोगों को यहां पर परियों के दर्शन भी हुए हैं हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं है. यहां पर परियों को चटकीले रंग के वस्त्र, तेज संगीत और शोर बिल्कुल भी पसंद नहीं है. खैट पर्वत पर इन सभी बातों की मनाही है. यह भी माना जाता है कि परियों को कोई पसंद आ जाता है तो वह उसे अपने साथ ही ले जाती है.
खैट पर्वत की सुंदरता
परियों का देश कहे जाने वाला यह खैट पर्वत बहुत ही सुंदर है. यहां पर पर्वत बिल्कुल हरा भरा है. यहां साल भर हरियाली रहती है. इस पर्वत पर मौजूद पेड़ पौधों पर पूरे साल फल-फूल आते हैं. खैट पर्वत परियों के साथ ही लहसुन और अखरोट के लिए भी बहुत ही प्रसिद्ध है. सबसे बड़ी हैरानी की बात है कि इस पर्वत पर कोई भी लहसुन और अखरोट नहीं उगाता है. यह अपने आप ही उग जाते हैं.
रहस्यमयी गुफा और मंदिर
खैट पर्वत के पास स्थित थात गांव से करीब 5 किलोमीटर दूर खैटखाल नाम का मंदिर स्थित है. यहां पर परियों की पूजा की जाती है. इस मंदिर में जून के महीने में मेला भी लगता है. यहां पर एक रहस्यमयी गुफा भी है जिसके अंत का आज तक पता नहीं चल पाया है. यह खैट पर्वत उत्तराखंड में रोमांच के साथ घूमने के लिए एकदम अच्छी जगह है. यहां पर आपको परियां मिले या न मिले लेकिन यह स्थान किसी परिलोक की यात्रा से कम नहीं है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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