हर महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) को पूजा पाठ और व्रत करने का बड़ा महत्व होता है. इस दिन दान और स्नान का भी बड़ा महत्व है. पूर्णिमा पर भगवान की पूजा अर्चना और व्रत करने मात्र से जीवन में चल रही सभी समस्याएं खत्म होती हैं. भगवान की आशीर्वाद प्राप्त होता है. अगर आप धन की तंगी या फिर किसी अन्य संकट से जूझ रहे हैं तो पूर्णिमा के दिन व्रत के साथ ही कुछ उपाय कर सकते हैं. इन्हें करने मात्र से आपके संकट और परेशानियां खत्म हो सकती हैं.
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख पूर्णिमा व्रत 23 मई दिन गुरुवार को रखा जाएगा. इस दिन विष्णु भगवान की पूजा अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होंगे. इस बार वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 22 मई शाम 7 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 23 मई 2024 शाम 7 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे उदयातिथि को देखते हुए पूर्णिमा व्रत 23 मई को रखा जाएगा. इसमें पूजा सबसे शुभ मुहूर्त 23 मई सुबह 4 बजकर 5 मिनट से लेकर 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. वहीं चंद्रोदय शाम 7 बजकर 10 मिनट पर रहेगा.
वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
-वैशाख पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भगवान की पूजा अर्चना में चांदी के सिक्के का इस्तेमाल जरूर करें. इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. तनाव दूर होने के साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
-वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और व्रत करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. भाग्य का सितारा बुलंद होता है.
-पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इस एक उपाय को करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
-वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से सभी ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं. शनि दोष से छुटकारा मिलता है. कुंडली का ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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