Varanasi Ropeway: इस दिन से शुरू हो जाएगा वाराणसी में देश का पहला सिटी रोपवे, जल्द कर सकेंगे आसमानी सवारी

Written By Abhay Sharma | Updated: Jun 06, 2024, 09:33 PM IST

वाराणसी रोपवे सेव

Varanasi Ropeway: वाराणसी में दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट सुविधा अब जल्द ही शुरू हो जाएगी, इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भारी जाम और ट्रेफिक से छुटकारा मिलेगा...

वाराणसी (Varanasi)  में दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट सुविधा को धरातल पर उतारने की तैयारी जोरों पर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देव दीपावली से वाराणसी में सिटी रोपवे सुविधा शुरू (Varanasi City Ropeway) हो जाएगी. रोपवे बन जाने के बाद अब यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath), दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा, इससे यहां रहने वाले आम लोगों को भी भारी जाम और ट्रेफिक (City Ropeway) की समस्या से छुटकारा मिलेगा. इससे वाराणसी में आने (Public Transport In Varanasi) वाले देश-विदेश के पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी...

देव दीपावली से शुरू हो जाएगी सुविधा

बता दें कि भारत विश्व का तीसरा ऐसा देश होगा (वाराणसी सिटी रोपवे शुरू करने वाला भारत का पहला शहर) जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल किया जाएगा. वाराणसी में यह सुविधा देव दीपावली से शरू हो जाएगी. बता दें कि वाराणसी में रोपवे का काम स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट की देखरेख में हो रहा है. वाराणसी में 807 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे का निर्माण हो रहा है. 

जल्द होगा ट्रायल रन 

बता दें कि रोपवे के संचालन के लिए स्टेशन और टावर इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही रोपवे का ट्रायल रन होगा. ऐसे में देव दीपावली में .श्रद्धालु जब वाराणसी आएंगे तो रोपवे से यात्रा कर सकेंगे. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों के लिए गोंडोला उपलब्ध रहेगी. बता दें कि वाराणसी में रोपवे सेवा शुरू होने के बाद एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे, ऐसे में दोनों दिशाओं में एक घंटे में करीब छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा.  

दिखेगी कला-संस्कृति की झलक 

इसके अलावा वाराणसी आने वाले यात्रियों को रोपवे के लिए बनने वाले स्टेशनों पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी और केबिन पर बाकायदा मंदिर व घाट की डिजाइन देखने को मिलेगा. खास बात यह है कि केबिन सोलर पैनल के जरिए संचालित होगा और इसमें आठ लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. आप इसमें बैठकर आसमान से काशी का दीदार कर सकेंगे.

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